उत्तराखण्ड
भूमियांधार का सागर : जिन्होंने खुद को एक कलाकार के रूप में तराशा
सीएन, नैनीताल। कलाकार की कल्पना उसकी सबसे बड़ी शक्ति होती है, और सागर ने इसी कल्पनाशक्ति के सहारे अपनी कला को नया आयाम दिया है। नैनीताल नगर से सटे भूमियाधार गांव निवासी सागर पेशे से लोक निर्माण विभाग में क्लर्क हैं, लेकिन उनकी असली पहचान एक प्रतिभाशाली कलाकार के रूप में उभर रही है। उनकी पेंसिल से बनी कलाकृतियाँ इतनी जीवंत लगती हैं कि देखने वाले वास्तविकता और चित्रकला के बीच का अंतर भूल जाते हैं। बचपन से ही सागर को ड्रॉइंग का शौक था। उन्होंने कभी किसी संस्थान या शिक्षक से औपचारिक प्रशिक्षण नहीं लिया, बल्कि खुद ही अभ्यास करके अपनी कला को निखारा। असली कागज़ और पेंसिल से शुरू हुई उनकी यह यात्रा अब डिजिटल दुनिया तक पहुँच चुकी है, जहाँ वे अपनी कला को औरों तक पहुँचा रहे हैं। सागर मुख्य रूप से ग्रेफाइट पेंसिल और चारकोल से ड्रॉइंग करते हैं, जिससे उनकी कलाकृतियाँ बेहद रियलिस्टिक लगती हैं। उनकी कला की खासियत हाइपररियलिज़्म और डिटेलिंग है, जिससे उनकी ड्रॉइंग में हर शेड और टेक्सचर उभरकर सामने आता है। वे चेहरे के भाव, आंखों की गहराई और स्किन की बारीकियों को इस तरह उकेरते हैं कि तस्वीर असली लगने लगती है। उनकी कड़ी मेहनत और जुनून का ही नतीजा है कि लोग उनकी कलाकृतियों को बेहद पसंद करते हैं। वे अपने यूट्यूब चैनल “Hill Arts” और Instagram (@sagar_hill_arts) के ज़रिए भी अपने आर्टवर्क को साझा करते हैं, जहाँ वे न केवल अपनी ड्रॉइंग दिखाते हैं, बल्कि कला प्रेमियों को प्रेरित भी करते हैं। सागर का मानना है कि कला केवल एक हुनर नहीं, बल्कि आत्म-अभिव्यक्ति का सबसे प्रभावशाली माध्यम है। वे अपने हर चित्र में भावनाओं को उकेरने की कोशिश करते हैं, जिससे उनकी रचनाएँ सिर्फ चित्र न रहकर, एक कहानी बन जाती हैं। वर्तमान में, सागर एक खास प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं, जिसे वे आने वाले समय में दुनिया के सामने पेश करेंगे। यह प्रोजेक्ट उनकी कला यात्रा में एक नया अध्याय जोड़ेगा और कुछ नया व अनोखा लेकर आएगा। उनकी यह यात्रा इस बात का प्रमाण है कि अगर जुनून और मेहनत हो, तो कोई भी बिना औपचारिक शिक्षा के भी एक बेहतरीन कलाकार बन सकता है।
