उत्तराखण्ड
डीएसबी में विजिटिंग प्रोफेसर निदेशालय वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित
सीएन नैनीताल। कुविवि डीएसबी परिसर नैनीताल में शनिवार को एलुमनी सेल, विजिटिंग प्रोफेसर निदेशालय, वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सीओ 79, बटालियन एनसीसी कर्नल राजेश कौशिक तथा अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. संजय पंत ने शिरकत की। पौधारोपण कार्यक्रम का संचालन निदेशक विजिटिंग प्रोफेसर तथा विभागाध्यक्ष वनस्पति प्रो. ललित तिवारी ने किया। एक पेड़ मां के नाम पौधारोपण कार्यक्रम में पदम, तेजपत्ता, देवदार तथा भीमल के पौधे लगाए गए। इस अवसर पर कर्नल कौशिक ने कहा कि पौधे लगाना जीवन का श्रेष्ठ कार्य है तथा ये हमारा कर्तव्य है। प्रो. संजय पंत ने कहा कि पौधे लगाना पुण्य का कार्य हैः। प्रो. ललित तिवारी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण जीवन को बनाए रखने तथा प्रकृति की सेवा का बेहतर अवसर है अतः जन्म दिन पर पौधे लगाए।विभागाध्यक्ष प्रो. हरीश बिष्ट ने कहा कि पर्यावरण जीवन का आधार है। पदम के पेड़ का धार्मिक महत्व अत्यधिक है. इसे बहुत पवित्र माना जाता है और उत्तराखंड में इसे कभी काटा नहीं जाता। विशेष अवसरों पर इसकी पत्तियों और टहनियों का उपयोग धार्मिक कार्यों में किया जाता है। इस पेड़ को भगवान विष्णु और शिव से जोड़ा गया है। तेजपत्ता पाचन क्रिया को बेहतर बनाने और गैस, कब्ज और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है। देवदार जिसे देवदारु भी कहते है, एक शंकुधारी पेड़ है जो हिमालय में पाया जाता है। इसे देवताओं का पेड़ भी माना जाता है। भीमल उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है। यह एक बहुपयोगी पेड़ है, जिसकी पत्तियां जानवरों के चारे के रूप में इस्तेमाल होती हैं और इसकी छाल से मजबूत रस्सी बनती है।आज का कार्यक्रम स्वर्गीय प्रो. डीडी पंत, स्वर्गीय यशपाल सिंह पांगती को समर्पित रहा। कर्नल कौशिक, प्रो. पंत तथा प्रोफेसर हरीश बिष्ट को पौधों के फ्लायर भेट किए गए। पौधारोपण में डॉ. नवीन पांडे, एनबी पालीवाल, लता नीतवाल, विशाल बिष्ट, कुंदन, लीला, मोहित, नेहा, मानसी, सूबेदार महेश चंद्र, नायब सूबेदार खत्री शामिल रहे।
