उत्तराखण्ड
ट्यूलिप उत्तराखंड का आर्थिकी सुधारने का बन सकता आधार
पहाड़ के घरों की पहली पसंद बना नीदरलैड मूल का ट्यूलिप पुष्प
सरकार की ओर से पिथौरागढ़ में ट्यूलिप गार्डन बनाने की पहल शुरू
चन्द्रेक बिष्ट, नैनीताल। नीदरलैड (हालैंड) मूल का खूबसूरत ट्यूलिप प्रजाति का पुष्प पहाड़ के घरों की पहली पसन्द बनता जा रहा है। नीदरलैंड की आर्थिकी सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला यह पुष्प उत्तराखंड की आर्थिकी सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह गमलों से लेकर पालीहाउसों में भी उगाया जा सकता है। नैनीताल सहित राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में इस पुष्प का क्रेज बढ़ता जा रहा है। नीदरलैड में इस पुष्प का अन्य देशों में भारी निर्यात होता है। खूबसूरत यह पुष्प उत्तराखंड के घरों में तेजी से अपनाया जा रहा है। उत्तराखंड सरकार की ओर से पिथौरागढ़ में ट्यूलिप गार्डन बनाने की पहल भी की जा रही है। नैनीताल, पिथौरागढ़, रानीखेत बागेश्वर, टिहरी, चमोली चम्पावत, पौड़ी आदि जिलों में इसके उत्पादन की भरपूर संभावनाएं पाई गई है। नीदरलैंड की आर्थिकी सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले इस पुष्प को भारत में भी लाया गया। यहां विभिन्न स्थानों में इसका रोपण किया गया। आज हिमालयी राज्यों में भी इसकी मौजूदगी है। कई स्थानों में इसकी नर्सरी के साथ व्यवसायिक खेती भी की जा रही हैं। वाईटीडीओ के संचालक राजा साह के मुताबिक इस फूल के बल्ब अभी कम मात्रा में मिलते है, यदि यह भारी मात्रा में उपलब्ध हो जाए तो इसका प्रचार वृहत्तर क्षेत्र में हो सकता है। इसका व्यवसायिक उपयोग करने की जरूरत है। हिमाचल प्रदेश में इस पुष्प का व्यवसायिक उपयोग किया गया है। यह पुष्प कई रंगों में होता है। फूलों की क्यारियों में यह बरबस आकर्षित कर लेता है। नैनीताल के कई घरों में हर साल इसकी संख्या बछ़ती जा रही है।
ट्यूलिप पुष्प का व्यवसायिक उपयोग करना बेहतर
नैनीताल। नीदरलैड के वाक लिंगन विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर रह चुके पन्तनगर के पूर्व वैज्ञानिक डा. आरएस चैहान व पर्यावरणविद् प्रो. अजय रावत के मुताबिक नीदरलैड को खुशहाल बनाने में ट्यूलिप पुष्प का महत्वपूर्ण भूमिका रही है। नीदरलैंड की तरह उत्तराखंड में भी इसका व्यवसायिक उपयोग कर आर्थिकी मजबूत की जा सकती है। नीदरलैड को भूमि नहीं उपलब्ध होने से नाइदर लैंड भी कहा जाता था। समुद्रतल से दो मीटर नीचे बसा नीदरलैड उथले समुद्र में देशवासियों ने अथक श्रम से बसाया है। नीदरलैड में फूलों की व्यवसायिक खेती वहां का प्रमुख आर्थिकी आधार भी है। नीदरलैंड की आर्थिकी सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला यह पुष्प उत्तराखंड की आर्थिकी सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।