उत्तराखण्ड
उत्तराखंड को चाहिए पांच साल तक टिकने वाला मुख्यमंत्री
पांच साल का कार्यकाल पूरा करने का रिकार्ड एनडी तिवारी के नाम
सीएन, नैनीताल। उत्तराखंड की जनता पूर्ण बहुमत की सरकार दे चुकी है। अब राज्य को पांच साल तक सरकार चलाने वाले मुख्यमंत्री की जरूरत है। अभी तक पांच साल का कार्यकाल पूरा करने का रिकार्ड केवल नारायण दत्त तिवारी के नाम है। कार्यकाल के साथ ही विकास के कई अहम काम तिवारी ने कर दिखाए। चौथी विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी 57 सीटों के साथ सत्ता में आई, बावजूद इसके तीन-तीन मुख्यमंत्री बनाने पड़े। इस बार ऐसे मुख्यमंत्री की उम्मीद की जा रही है, जो जनता और अपनी पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए पूरे पांच साल सरकार चला सके। अलग राज्य बनने के साथ उत्तराखंड में अस्तित्व में आई अंतरिम सरकार के छोटे से कार्यकाल में भी मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए थे। पहले मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी 354 दिन में ही पद से हटा दिए गए। इसके बाद भगत सिंह कोश्यारी अंतरिम सरकार में मुख्यमंत्री बने और वह 122 दिन पद पर रहे। पहले विधानसभा चुनाव में भाजपा सत्ता से बाहर हो गई। एनडी तिवारी के हाथों में सत्ता आई और उन्होंने पांच साल, पांच दिन तक सीएम का पदभार संभाला। इसके बाद भुवन चंद्र खंडूड़ी, विजय बहुगुणा और त्रिवेंद्र सिंह रावत को मौका मिला था, लेकिन वह भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।राज्य के पहले सीएम नित्यानंद स्वामी 354 दिन, भगत सिंह कोश्यारी 122 दिन, एनडी तिवारी 1830 दिन, भुवन चंद्र खंडूड़ी ;दो कार्यकालद्ध 925 दिन, डाण् रमेश पोखरियाल निशंक 805 दिन, विजय बहुगुणा ढाई वर्ष, हरीश रावत 1097 दिन, त्रिवेंद्र रावत1452 दिन, तीरथ रावत 114 दिन, पुष्कर धामी 254 दिन तक अपना अधूरा कार्यकाल पूरा कर सके। उत्तराखंड को बने 21 साल और चार महीने हो चुके हैं। अब तक अंतरिम सरकार सहित पांच विधानसभा अस्तित्व में आ चुकी हैं और इस दरमियान उत्तराखंड को 11 मुख्यमंत्री मिल चुके हैं। नारायण दत्त तिवारी के पांच साल मुख्यमंत्री के रहते उत्तराखंड में औद्योगिक विकास को लेकर जो काम हुआ ऐसा बाद के मुख्यमंत्री नहीं कर पाए। इसका एक कारण बार बार मुख्यमंत्रियों का बदलना भी है।