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आपने नही खाया होगा 2.5 लाख रुपये प्रति किलो बिकने वाला मियाजाकी आम

आपने नही खाया होगा 2.5 लाख रुपये प्रति किलो बिकने वाला मियाजाकी आम
सीएन, भुवनेश्वर।
हमारे आस-पास में शायद ही कोई ऐसा होगा जिसे फलों के राजा आम का इंतजार न रहता हो। वैसे तो आम की कई वैरायटी आती हैं और लोग उन्हें मजे लेकर खाते हैं। आजकल मियाजाकी आम की चर्चा बहुत हो रही है जो पिछले साल 2.70 लाख प्रति किलो के रेट से बेचा गया था। ओडिशा के एक शिक्षक ने दुलर्भ किस्म की प्रजाति का मियाजाकी आम उगाया है. यह अंतरराष्ट्रीय मार्केट में 2.50 से तीन लाख किलो के हिसाब से बिकता है। टीचर ने बताया कि आम के पौधों को 12 साल पहले लगाया गया था। इन आमों का रंग अन्य आम से अलग है। विदेशों में ये आम 2.5 लाख प्रति किलो के हिसाब से बिकता है। इस आम का नाम जापान केक्यूशू राज्य के मियाजाकी शहर के नाम पर पड़ा है। जापान में यह आम बेहद लोकप्रिय है। इस आम की पैदावार अप्रैल से अगस्त के बीच होती है। इस आम को उगाना दूसरे आमों की प्रजातियों की अपेक्षा आसान नहीं है। इस आम में एंटीऑक्सीडेंट, बीटाकैरोटीन और फोलिक एसिड की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। मियाजाकी आम उन लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद है जिनके आंखों की रोशनी कम होती है। इसे खाने से आंख की रोशनी बढ़ती है। एक आम का वजन 350 से 900 ग्राम का होता है। आमतौर पर इसका वजन 350_400 ग्राम के करीब ही होता है। मियाजाकी आम साधारण आम से देखने में बहुत अलग और खूबसूरत होता है। इसका रंग साधारण आम की तरह पीला ना होकर लाल होता है। यह भारत और साउथ एशिया के मार्केट में बहुत फेमस है। इस आम का नाम जापान के मियाजाकी शहर के नाम पर रखा गया है क्योंकि यह मियाजाकी शहर में ही सबसे पहले उगाया गया था। जापान में यह फल खास क्लाइमेट कंडीशन में उगाया जाता है और क्वालिटी टेस्ट के बाद ही बाहर भेजा जाता है। एक्सपर्ट्स, के अनुसार इस आम को तैयार करने के लिए लंबे समय तक सूर्य की रोशनी की जरूरत पड़ती है। साथ ही इसे ज्यादा बारिश और गर्म मौसम की जरूरत होती है। माना जाता है कि जापान के मियाजाकी शहर में इस आम की खेती साल 1984 से की जा रही है। यह बाजार में मई और जून के महीने में मिलता है। इस आम को जापान की वहीं स्थानीय भाषा में ‘ताईयो-नो-तामागो’ नाम से जाना जाता है। इस आम की खेती जापान और भारत के अलावा थाईलैंड और फिलीपींस में भी हो रही है।

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