उत्तर प्रदेश
भगवान के बाल स्वरूप को उनके नियत स्थान पर विराजमान किया गया
सीएन, अयोध्या। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा से पहले गुरुवार शाम पूरे विधि-विधान से श्रीरामलला के विग्रह को नवनिर्मित भव्य मंदिर के गर्भगृह में विराजमान कर दिया गया। काशी से आए पुरोहितों ने कार्यक्रम को सफलता से कराया।
श्रीरामलला को विराजमान करने से पहले विभिन्न संस्कार और पूजन किए गए। प्राण प्रतिष्ठा के लिए विशेष रूप से काशी से आए पुरोहितों ने कार्यक्रम को सफलता से संपन्न कराया।
22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम
अब 22 जनवरी को पीएम मोदी और सीएम योगी की मौजूदगी में विभिन्न अनुस्थानों के बीच प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न कराया जाएगा। एक पुरोहित ने बताया कि प्रतिमा को 21 जनवरी तक जीवनदायी तत्वों से सुवासित कराया जाएगा, जिसका क्रम गुरुवार से शुरू हो गया। गर्भगृह में भगवान चल के साथ अचल स्वरूप में भी विराजमान होंगे। दोनों प्रतिमाएं बुधवार को ही परिसर में पहुंच चुकी थीं। श्यामवर्णी अचल प्रतिमा गर्भगृह में स्थापना की गई। इसी के साथ दोनों ही प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा का संस्कार शुरू हो गया। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से जुड़े सदस्य के अनुसार बुधवार को श्रीरामलला के दिव्य विग्रह को नव्य मंदिर में लाया गया था। विग्रह को पूरी तरह ढककर रखा गया है।
भगवान के बाल स्वरूप को उनके नियत स्थान पर विराजमान किया गया
गुरुवार को पूरे दिन गर्भ गृह में कई तरह के अनुष्ठान संपन्न किए जाने के बाद भगवान के बाल स्वरूप को उनके नियत स्थान पर विराजमान किया गया है। अभी उनके श्री मुख को छोड़कर बाकी जगह से कवर हटा दिया गया है। विग्रह का पूर्ण अनावरण प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर ही किए जाने की संभावना है। इस सुअवसर पर दोनों पुरोहितों के साथ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय एवं ट्रस्ट से जुड़े अन्य लोग उपस्थित रहे।