अंतरराष्ट्रीय
1000 साल बाद बना है शनिचरी अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण का अद्भुत संयोग
महत्वपूर्ण घटना-यह सूर्य ग्रहण आंशिक होगा और यह भारत में दिखाई नहीं देगा
सीएन, नईदिल्ली। 30 अप्रैल 2022 ग्रह-नक्षत्रों के मामले में बेहद खास होने जा रहा है. इस दिन सूर्य ग्रहण है और 4 ग्रह एक ही कतार में नजर आएंगे. ग्रहों का इस तरह कतार में आने का यह अद्भुत संयोग करीब 1000 साल बाद बना है. ग्रहों के इस तरह एक कतार में आने को प्लानेट परेड कहा जाता है. अप्रैल के आखिरी सप्ताह में शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि समेत 4 ग्रह एक कतार में आने शुरू हो गए हैं और 30 अप्रैल को सूर्योदय से लगभग 1 घंटे पहले पूर्व दिशा में वे एक साथ एक सीधी रेखा में नजर आएंगे. इससे पहले ऐसा अद्भुत नजारा 947 ईस्वी में देखा गया था. जब ग्रह एक लाइन में नजर आते हैं तो इन घटनाओं को प्लानेट परेड या ग्रह परेड कहते हैं. मोटे तौर पर यह ग्रह परेड 3 तरह की होती है. पहली, जब सौर मंडल के 3 ग्रह सूर्य की एक तरफ आ जाएं. दूसरी, जब कुछ ग्रह एक ही समय में आकाश के एक छोटे से क्षेत्र में दिखाई देते हैं. तीसरी, जब 4 ग्रह एक ही कतार में दिखें. यह सबसे दुर्लभ ग्रह परेड होती है और मौजूदा ग्रह परेड ऐसी ही है.
30 अप्रैल को शुक्र-गुरु दिखेंगे बेहद करीब
अप्रैल के आखिरी हफ्ते में ये 4 ग्रह एक साथ एक कतार में आने लगे थे. इसके तहत शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि को चंद्रमा के पूर्वी क्षितिज से 30 डिग्री पर दिखाई देना था. इसके बाद 30 अप्रैल 2022 को यह नजारा सबसे अद्भुत रहेगा. सूर्योदय से एक घंटे पहले इस दिन सबसे चमकीले ग्रह शुक्र और बृहस्पति को एक साथ बहुत करीब से देखा जा सकता है. शुक्र, बृहस्पति के 0.2 डिग्री दक्षिण में होगा. यहां तक कि आसमान साफ रहे और प्रदूषण न हो तो बिना दूरबीन या टेलीस्कोप के इन ग्रहों की कतार को देखा जा सकता है. हिंदू पंचांग के अनुसार 30 अप्रैल, शनिवार को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या है और इसी दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण लग रहा है. शनिवार के दिन जब अमावस्या पड़ती है तो उसे शनिचरी अमावस्या कहते हैं. शनिचरी अमावस्या का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है. इस दिन स्नान किया जाता है. दान किया जाता है, पितरों के लिए तर्पण किया जाता है. साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण, शनिचरी अमावस्या के दिन लगना महत्वपूर्ण घटना है. हालांकि यह सूर्य ग्रहण आंशिक होगा और यह भारत में दिखाई नहीं देगा. इसके चलते इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा. लिहाजा शनिचरी अमावस्या के दिन किए जाने वाले स्नान-दान, पूजन-तर्पण में कोई बाधा नहीं आएगी. लेकिन सूर्य ग्रहण और शनिचरी अमावस्या का एक ही दिन होना कुछ लोगों की जिंदगी पर बड़ा असर डालेगा. शनिवार शनि देव को समर्पित है, इसलिए इस दिन शनि की विशेष पूजा-उपासना भी की जाती है.
बहुत संभलकर रहें इन राशियों के लोग
मेष-सूर्य ग्रहण का असर मेष राशि वालों पर ठीक नहीं माना जा सकता है. लिहाजा इन लोगों को इस दिन बहुत संभलकर रहना चाहिए. बेहतर होगा कि यात्रा करने से भी बचें. ग्रहण के बाद स्नान-दान करें.
कर्क-कर्क राशि वालों को यह सूर्य ग्रहण मानसिक तनाव दे सकता है. बेहतर होगा कि इस दौरान ना तो कोई बड़ा फैसला लें और ना ही किसी से विवाद करें. अपनी सोच का सकारात्मक रखने की कोशिश करें.
वृश्चिक-वृश्चिक राशि वाले जातकों के लिए भी यह सूर्य ग्रहण ठीक नहीं है. धैर्य से यह समय निकालें. इस दौरान यात्रा न करें वरना चोट-चपेट का शिकार हो सकते हैं.