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आदित्य-एल1 सफलतापूर्वक लॉन्च, लैग्रेंजियन-1 बिंदु तक पहुंचने में 125 दिन लगेंगे
आदित्य-एल1 सफलतापूर्वक लॉन्च, लैग्रेंजियन-1 बिंदु तक पहुंचने में 125 दिन लगेंगे
सीएन, श्रीहरिकोटा। भारत का पहला सूर्य मिशन आदित्य-एल1 श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित कर दिया गया है। इसरो के सूर्य मिशन आदित्य एल.1 के प्रक्षेपण को देखने के लिए सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र शार श्रीहरिकोटा में बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं। आदित्य एल1 को सूर्य के करीब पहुंचने में लगभग 4 महीने का समय लगेगा। आदित्य एल1 लगभग धरती से 15 लाख किलोमीटर दूरी तय करेगा। श्रीहरिकोटा से आदित्य.एल1 को लेकर इसरो के पीएसएलवी रॉकेट के उड़ान भरने के दौरान भीड़ ने भारत माता की जय के नारे लगाए। इसरो ने बताया कि आदित्य.एल1 को सूर्य की दिशा में पृथ्वी से 1.5 मिलियन किमी दूर लैग्रेंजियन पॉइंट 1 एल1 के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा। उपग्रह और पेलोड एक ही सापेक्ष स्थिति में सूर्य के चारों ओर घूमेंगे और बिना किसी ग्रहण के लगातार सूर्य को देखेंगे। इससे वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर उनके प्रभाव का निरीक्षण करने में मदद मिलेगी। आदित्य एल.1 मिशन पर इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर ने कहा कि यह मिशन बहुत महत्वपूर्ण है। आदित्य एल.1 को लैग्रेंजियन पॉइंट 1 के आसपास रखा जाएगा, जहां पृथ्वी और सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल लगभग शून्य हो जाता है और न्यूनतम ईंधन के साथ, हम वहां अंतरिक्ष यान बनाए रख सकते हैं। इसके अलावा 24/7 अवलोकन संभव है। अंतरिक्ष यान में सात उपकरण लगाए गए हैं। इस मिशन के डेटा से वायुमंडल में होने वाली विभिन्न घटनाओं, जलवायु परिवर्तन अध्ययन आदि को समझाने में मदद मिलेगी।