अंतरराष्ट्रीय
जंग में पुतिन को एक और सदमा, जिसे घोषित किया था रूस का हिस्सा, वहां मिली मात
जंग में पुतिन को एक और सदमा, जिसे घोषित किया था रूस का हिस्सा, वहां मिली मात
सीएन, कीव। यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध को 222 दिन हो चुके हैं. रविवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने दावा किया कि उनकी फौज की कामयाबी सिर्फ लाइमैन को पूरी तरह से अपने कंट्रोल में लेने तक ही सीमित नहीं है बल्कि खेरसॉन के कुछ हिस्सों को भी रूसी कब्जे से छुड़ा लिया गया है. लाइमैन के रूस के हाथों से फिसल जाने को राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन के लिए करारा झटका माना जा रहा है, जिन्होंने हाल में यूक्रेन के तीन प्रांतों का अवैध तरीके से अपने क्षेत्र में विलय कर युद्ध को और भड़का दिया है. कभी कब्जे में रहे लाइमैन से रूसी सैनिकों को वापस बुला लिया गया है. अब रूस के हाथ से लाइमैन के निकल जाने के बाद यूक्रेनी सैनिक लुहांस्क क्षेत्र में आगे तक बढ़ने की कोशिश कर सकते हैं जिसे रूस ने शुक्रवार को एक जनमत संग्रह के जरिए अपनी भूमि में मिला लिया था. वोटिंग लुहान्स्क, डोनेट्स्क, जापोरिज्जिया और खेरसॉन में हुई थी. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस के इस जनमत संग्रह की काफी निंदा की जा रही है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, जेलेंस्की ने देर रात अपने संबोधन में कहा, ‘दोनेत्सक क्षेत्र के लाइमैन को स्वतंत्र कराने की कहानी अब मीडिया में सबसे ज्यादा मशहूर है. लेकिन हमारे सैनिकों की कामयाबी सिर्फ लाइमैन तक ही सीमित नहीं है.’ हालांकि यूक्रेनी राष्ट्रपति ने ज्यादा जानकारी नहीं दी. जेलेंस्की के मुताबिक, यूक्रेनी सेना ने खेरसॉन क्षेत्र में अरखानहेल्स्के और मायरोलीबविका की छोटी बस्तियों को स्वतंत्र करा लिया है. उन्होंने इस कामयाबी के लिए फौज का शुक्रिया अदा भी किया. उन्होंने जापोरिज्जिया न्यूक्लियर एनर्जी प्लांट के महानिदेशक इहोर मुराशोव को अगवा करने को रूसी आतंकवाद बताया है. मुराशोव यूरोप के सबसे बड़े एटमी पावर प्लांट के प्रमुख हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इहोर मुराशोव को शुक्रवार को करीब चार बजे अगवा कर लिया गया था. जापोरिज्जिया एटमी पावर प्लांट पर रूस के सैनिकों का कब्जा है. इससे पहले रविवार को रूसी सेना ने ड्रोन के जरिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के गृह नगर और अन्य इलाकों को निशाना बनाया.