अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तान की परमाणु साइट पर भारत ने हमला करने की खबरों को किया खारिज, डरी दुनिया
पाकिस्तान की परमाणु साइट पर भारत ने हमला करने की खबरों को किया खारिज, डरी दुनिया
सीएन, नईदिल्ली। भारत-पाक तनाव के बीच भारत ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस उड़ा दिए। इनमें एयरबेस नूर खान और मुशाफ भी थे। नूर खान एयरबेस पाकिस्तान के रावलपिंडी में है और राजधानी इस्लामाबाद से मात्र 10 किलोमीटर दूर स्थित है। यह एयरबेस पाकिस्तान के सबसे महत्वपूर्ण एयरबेस में से एक है, जो परमाणु सुविधा से लैस है। क्या भारत ने पाकिस्तान के अंदर किसी परमाणु सुविधा को निशाना बनाया था, ये सवाल इसलिए अहम है क्योंकि सोशल मीडिया पर कई दावे किए जा रहे हैं कि भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में परमाणु हथियार भंडारण सुविधा पर हमला किया। जब भारतीय वायुसेना के डायरेक्टर जनरल एयर ऑपरेशन एयर मार्शल एके भारती से पूछा गया तो उन्होंने किराना हिल्स के आसपास परमाणु सुविधा पर किसी भी हमले की खबर से इनकार किया। भारत और पाकिस्तान तनाव के बीच अब ये संदेह वक्त किया जा रहा है कि इस्लामाबाद के नूर खान स्थित न्यूक्लियर शास्त्रागkर में रिसाव हो रहा है और मिस्र के वायुसेना कार्गो बोरॉन लेकर पहुंचा है और उस के बाद अब यूएस का विमान भी पाकिस्तान पहुंचा है। एयर मार्शल भारती ने बताया हमने किराना हिल्स पर हमला नहीं किया है। हालांकि भारतीय वायुसेना ने सरगोधा में मुशफ एयरबेस को निशाना बनाए जाने की पुष्टि की है। खास बात ये है कि सरगोधा और किराना हिल्स के बीच मुश्किल से सात किलोमीटर की दूरी है। सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो चलाए जा रहे हैं जिसमें किराना हिल्स की तलहटी से धुएं का गुबार ऊपर आता दिख रहा है। सैटेलाइट तस्वीरों की अनुपस्थिति में यह पुष्ट करना मुश्किल है कि अगर किराना हिल्स में कोई परमाणु संपत्ति है तो उस पर हमला हुआ था या नहीं। एयर मार्शल भारती ने किराना हिल्स के पास परमाणु हथियार के बारे में जानकारी होने से इनकार किया था। जियोलोकेशन से धुएं के पहाड़ियों के पास होने की बात पता चलती है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें एक व्यक्ति दावा कर रहा है कि भारतीय सेना ने किराना हिल्स पर मिसाइल हमला किया है। अमेरिका स्थित परमाणु वैज्ञानिकों की संस्था बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट ने 2023 की अपनी रिपोर्ट में किराना हिल्स और आस.पास के इलाकों की पहचान सबक्रिटिकल न्यूक्लियर टेस्ट साइट के रूप में की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साइट में गोला-बारूद भंडारण क्षेत्र के साथ ही कम से कम 10 भूमिगत भंडारण सुविधाएं शामिल हैं। किराना हिल्स के पास स्थित सरगोधा गैरिसन एक परमाणु परीक्षण स्थल रहा है। इसके उपयोग पाकिस्तान ने 1983 से 1990 के बीच अपने परमाणु कार्यक्रम को बढ़ाने के लिए किया था। इस जगह पर संभावित पारंपरिक युद्ध सामग्री भंडारण के ठीक उत्तर-पश्चिम में 10 संभावित ट्रांसपोर्टर इरेक्ट लॉन्चर गैरेज और दो अतिरिक्त गैरेज हैं। जहां पारंपरिक युद्धक साजो-सामान रखा गया है, उसके पूर्व में पहाड़ी में एक भूमिगत भंडारण सुविधा है। अगर यह लीकेज हो रहा है तो इसके बहुत खतरनाक दुष्परिणाम हो सकते है इससे पूरी दुनिया डरी हुई है। इससे रेडियोएक्टिव पदार्थों या न्यूक्लियर रिसाव से रेडिएशन का खतरा बढ़ जाता है, जिससे कैंसर, आनुवंशिक परिवर्तन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। रेडियोएक्टिव पदार्थ पर्यावरण में फैलकर मिट्टी, पानी और हवा को प्रदूषित कर सकते हैं। रेडियोएक्टिव पदार्थ जल स्रोतों में मिलकर जल प्रदूषण का कारण बन सकते हैं। रेडियोएक्टिव पदार्थ खाने से लेकर जमीन तक में प्रवेश कर सकते हैं और मानव स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं न्यूक्लियर लीकेज से निपटने और उसके प्रभावों को कम करने के लिए बड़े पैमाने पर आर्थिक संसाधनों की आवश्यकता होती है। न्यूक्लियर लीकेज के कारण लोगों में भय, चिंता और तनाव बढ़ सकता है, जिससे सामाजिक और मानसिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। न्यूक्लियर लीकेज के प्रभावों को कम करने के लिए तत्काल और प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता होती है। न्यूक्लियर लीकेज रेडिएशन के नुकसान को बोरॉन से कैसे रोका जाता है। बोरॉन का उपयोग न्यूक्लियर लीकेज रेडिएशन के नुकसान को रोकने में किया जा सकता है क्योंकि यह न्यूट्रॉन को अवशोषित करने में सक्षम होता है।
