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भारत ने चीन के गुलाम मुइज्जू  को सिखाया सबक, मालदीव को अरबों का नुकसान

भारत ने चीन के गुलाम मुइज्जू  को सिखाया सबक, मालदीव को अरबों का नुकसान
सीएन, नईदिल्ली।
इस साल मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में जबरदस्त गिरावट आई है। जो भारत मालदीव पहुंचने वाले पर्यटकों के मामले में पिछले तीन साल में नंबर एक पर रहता हैए वह अब पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। इतना ही नहीं भारतीय पर्यटकों की कमी के कारण मालदीव को 2 बिलियन डॉलर तक का नुकसान हो सकता है। भारत ने बिना कोई एक्शन लिए चीन प्रेमी मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को अच्छे से सबक सिखा दिया है। अब इसका सीधा असर मालदीव की पहले से ही लड़खड़ा रही अर्थव्यवस्था पर भी जल्द ही दिखाई देगा। मुइज्जू के भारत के साथ दुश्मनी मोल लेने के कारण पिछले तीन महीनों में मालदीव को तगड़ा नुकसान हुआ है। अब आशंका जताई जा रही है कि अगर यही ट्रेंड बना रहा तो इस साल मालदीव को 2 बिलियन डॉलर का भारी.भरकम घाटा उठाना पड़ सकता है। यह इतना बड़ा नुकसान है, जिसकी भरपाई करना मालदीव की चीन प्रेमी सरकार के लिए आसान नहीं होगा। मालदीव पर्यटन मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार साल 2024 के पहल दो महीनों में भारतीय पर्यटकों की आवक में जबरदस्त गिरावट आई है। मालदीव पहुंचने वाले पर्यटकों के मामले में पिछले साल नंबर एक पर रहने वाला भारत अब पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। मालदीव में मोहम्मद मुइज्जू की ताजपोशी के बाद से भारत के साथ संबंधों के बिगड़ने की शुरुआत हुई है। 2024 की शुरुआत में मुइज्जू सरकार के कुछ वरिष्ठ मंत्रियों ने पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा पर अपमानजनक टिप्पणियां की थी। इसके बाद भारत में बॉयकॉट मालदीव मुहिम शुरू हो गई थी। भारत में कई मशहूर हस्तियों ने मालदीव के खिलाफ बयान दिए और उन अधिकारियों से माफी मांगने की मांग की। मालदीव की सरकार ने भारत के विरोध के बाद अपने उन तीन मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया था। हालांकि मुइज्जू ने इस दौरान चीन का दौरा किया और मालदीव लौटते ही भारत के खिलाफ जमकर बयानबाजी की। उन्होंने एयरपोर्ट पर उतरते ही कहा था कि कोई भी मालदीव को धमका नहीं सकता है। इसके बाद से ही आशंका जताई जा रही थी की भारत के साथ विवाद से मालदीव को गंभीर आर्थिक नुकसान हो सकता है। अब इसका असर भारत से मालदीव आने वाले पर्यटकों पर साफ नजर आ रहा है। 2020 से वैश्विक महामारी के बीच और उसके बाद अगले दो वर्षों में भारत उन तीन वर्षों के लिए मालदीव आने वाले पर्यटकों के मामले में शीर्ष पर काबिज रहा। अब मालदीव के पर्यटन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 02 मार्च तक भारत से पर्यटकों के आगमन में पिछले वर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। पिछले वर्ष की इसी अवधि मेंए भारतीय आवक 41,054 थी जबकि चालू वर्ष में बाजार से आवक केवल 27,224 तक पहुंच गई। मालदीव के कई टूरिस्ट ऑपरेटरों का कहना है कि हम जितना चाहें दिखावा कर सकते हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि भारतीयों के आगमन में काफी गिरावट आई है। भारतीय मशहूर हस्तियों के बहिष्कार अभियान ने मालदीव में पर्यटकों के आगमन की संख्या पर अपना प्रभाव दिखाया है। मालदीव की कई टॉप क्लास प्रॉपर्टीज भारतीय यात्रियों से होने वाले आय पर निर्भर हैं। इसके अलावा कई दूसरे शहरों में गेस्ट हाउस और होटलों में ठहरने वाले पर्यटकों का बड़ा हिस्सा भारत से आता है। भारतीय यात्रियों का यात्रा पैटर्न यूरोपीय यात्रियों के विपरीत होता है। इसका मतलब है कि गर्म मौसम के दौरान भारतीय पर्यटक अक्सर मालदीव आते हैं जो यूरोपीय बाजार में आगमन में गिरावट के साथ मेल खाता है। दूसरे शब्दों में मालदीव पर्यटन के ऑफ-पीक सीजन के लिए भारत सबसे महत्वपूर्ण फिलर है। भारत ऑफ-पीक सीजन के दौरान मालदीव को पर्यटन संबंधी आय बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।


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