Connect with us

अंतरराष्ट्रीय

विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत की रैंकिंग 180 देशों में से गिरकर 150 हुई

लगातार गिर रहा स्वतन्त्र पत्रकारिता का ग्राफ, सरकार, पूंजीपति या खुद पत्रकार है जिम्मेदार
सीएन, नईदिल्ली।
ग्लोबल मीडिया वॉचडॉग, रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) द्वारा जारी नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, 2022 विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत की रैंकिंग 180 देशों में से गिरकर 150 हो गई है। पिछले साल की रिपोर्ट में, भारत 142 वें स्थान पर था। उच्चतम प्रेस स्वतंत्रता वाले देशों के लिए शीर्ष तीन पदों पर नॉर्वे की नॉर्डिक तिकड़ी (92.65 का स्कोर), डेनमार्क (90.27) और स्वीडन (88.84) ने लिया। प्रेस स्वतंत्रता सारिणी में भारत का स्थान लगातार गिर रहा है बता दे कि 2002 से अब तक भारतीय-प्रेस 80 वे स्थान से खिसक कर 150 वे स्थान पर पहुंच गई है, जिसके लिए भारत की सरकारे सीधे तौर पर जिम्मेदार है। यही नहीं आलम यह है कि आज भारतीय मीडिया दो धड़ो में बंट गया है, जिसमे से एक सरकार के विरोध में खड़ा है तो दूसरा सरकार के साथ खड़ा है। दोनों ने ही एक दूसरे को अलग- अलग नामों से पुकारना भी शुरू कर दिया है। पत्रकारिता के विधार्थियों को बताया जाता है कि अखबार का संपादकीय पृष्ठ समाचार-पत्र की आत्मा होती है जिसे पढ़कर अख़बार की गहराई और विचारधारा का पता चलता है पर वर्तमान परिस्थिति में पत्रकारों पर ही टैग लगा दिया गया है। यही नहीं कौन सा अखबार किस पार्टी का झंडा लहराता है ये तक लोगों को पता है पोस्ट इन्फोर्मेशन सोसाइटी में सूचना का सम्प्रेषण इतना है कि मानो हर व्यक्ति खुद को महा ज्ञानी समझने लगा है। जिसकी जिम्मेदार सूचनाओं का विस्फोट करने वाली सोशल साइट्स के साथ इस देश का वो पत्रकार और चैनल भी है, जो अपनी विचारधारा लोगों पर थोप ही नहीं रहा बल्कि एक पक्ष के प्रति नफरत भी भर रहा है। ऐसे में आवश्यक हो जाता है कि देश की सरकारे और मीडिया चलाने वाले पूंजीपति पत्रकारों के काम में कम से कम दखल दें। वहीं पत्रकारों को मतभेद और मनभेद में फर्क समझने का प्रयास करने का प्रयास करना पड़ेगा अन्यथा लाजमी है कि 180 देशो की सूची में भारत का मुकाबला चीन और पाकिस्तान जैसे देशों से होता रहेगा। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने कहा कि भारतीय अधिकारियों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का सम्मान करना चाहिए, किसी भी पत्रकार को उनकी आलोचनात्मक रिपोर्टिंग के लिए ट्रम्प-अप या राजनीति से प्रेरित आरोपों में हिरासत में लेना चाहिए, और उन्हें लक्षित करना और स्वतंत्र मीडिया को चुप कराना बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा, “अधिकारियों द्वारा पत्रकारों को निशाना बनाने के साथ-साथ असहमति पर व्यापक कार्रवाई ने हिंदू राष्ट्रवादियों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से भारत सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों को धमकाने, परेशान करने और दुर्व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित किया है।”

Continue Reading
You may also like...

More in अंतरराष्ट्रीय

Trending News

Follow Facebook Page

About

आज के दौर में प्रौद्योगिकी का समाज और राष्ट्र के हित सदुपयोग सुनिश्चित करना भी चुनौती बन रहा है। ‘फेक न्यूज’ को हथियार बनाकर विरोधियों की इज्ज़त, सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयास भी हो रहे हैं। कंटेंट और फोटो-वीडियो को दुराग्रह से एडिट कर बल्क में प्रसारित कर दिए जाते हैं। हैकर्स बैंक एकाउंट और सोशल एकाउंट में सेंध लगा रहे हैं। चंद्रेक न्यूज़ इस संकल्प के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दो वर्ष पूर्व उतरा है कि बिना किसी दुराग्रह के लोगों तक सटीक जानकारी और समाचार आदि संप्रेषित किए जाएं।समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए हम उद्देश्य की ओर आगे बढ़ सकें, इसके लिए आपका प्रोत्साहन हमें और शक्ति प्रदान करेगा।

संपादक

Chandrek Bisht (Editor - Chandrek News)

संपादक: चन्द्रेक बिष्ट
बिष्ट कालोनी भूमियाधार, नैनीताल
फोन: +91 98378 06750
फोन: +91 97600 84374
ईमेल: [email protected]

BREAKING