अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका की पहली महिला सिख न्यायाधीश बनी मनप्रीत मोनिका सिंह
अमेरिका की पहली महिला सिख न्यायाधीश बनी मनप्रीत मोनिका सिंह
सीएन, ह्यूस्टन। अमेरिका में सिख अल्पसंख्यकों का दबदबा लगातार बढ़ता जा रहा है. राजनीति से लेकर प्रशासन और अन्य क्षेत्रों में सिख समुदाय के लोग अमेरिका में अपना योगदान दे रहे हैं और वहीं अमेरिका भी उनके योगदानों को नजरअंदाज न करते हुए उन्हें पूरी इज्जत और मौके दे रहा है. भारतीय मूल की मनप्रीत मोनिका सिंह ने हैरिस काउंटी के न्यायाधीश के तौर पर शपथ लेकर अमेरिका में पहली महिला सिख न्यायाधीश बन गई हैं. मोनिका सिंह का जन्म और पालन-पोषण अमेरिका के ह्यूस्टन में हुआ था और अब वह अपने पति और दो बच्चों के साथ बेलेयर शहर में रहती हैं. मोनिका ने शुक्रवार को अमेरिका के टेक्सास में लॉ नंबर 4 में हैरिस काउंटी सिविल कोर्ट के जज के तौर पर शपथ ली है. मोनिका सिंह के पिता 1970 के दशक की शुरुआत में पंजाब से अमेरिका चले गए थे. लगभग बीस सालों तक निचली अदालत की वकील रहीं मोनिका सिंह स्थानीय, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई नागरिक अधिकार संगठनों की सदस्य रह चुकी हैं. शपथ लेने के बाद मोनिका सिंह कहा, ‘‘यह पद मेरे लिए बहुत मायने रखता है, क्योंकि मैं ह्यूस्टन का सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व करती हूं, और मैं बेहद खुश हूं.’’ वहीं, भारतीय-अमेरिकी न्यायाधीश रवि संदिल ने वकीलों और दर्शकों से खचाखच भरे अदालतकक्ष में आयोजित एक समारोह की अध्यक्षता की. संदिल ने कहा, ‘‘सिख समुदाय के लिए यह वास्तव में एक बड़ा लम्हा है.’’ संदिल राज्य के पहले दक्षिण एशियाई जज हैं. उन्होंने कहा, ‘‘जब वे दूसरे रंग के शख्स को देखते हैं, तो वे जानते हैं कि उनके लिए यहां संभावनाएं हैं. मनप्रीत न सिर्फ सिखों के लिए एक राजदूत की तरह हैं, बल्कि वह सभी रंग की महिलाओं की यहां राजदूत हैं.’’