Connect with us

अंतरराष्ट्रीय

ग्रहों की भी होती है चोरी : आश्चर्यजनक खोज

ग्रहों की भी होती है चोरी : आश्चर्यजनक खोज
सीएन, नैनीताल।
आश्चर्य होना स्वाभाविक है कि भला ग्रहों की चोरी कैसे संभव है। मगर अचरज से भरे ब्रह्माण्ड में कुछ भी संभव है । मगर यह चोरी अलग तरह की है, जो अंतरिक्ष विज्ञान के दायरे में आती है। इस तरह की चोरी का होना जितना स्वाभाविक है उतना ही दिलचस्प भी है। शेफ़ील्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने चोरी का खुलासा किया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि तारे बृहस्पति जैसे विशाल ग्रहों को चुरा सकते हैं। तारों की नर्सरी में इस तरह की चोरियों की संभावना अधिक बड़ जाती है। ग्रेविटी व वाष्पीकरण के कारण तारों का ग्रहों के बीच का गहरा संबंध है, जो इस तरह की घटनाओं को जन्म दे सकते हैं।
बीईएसटी नामक तारों की नर्सरी पर की गई रिसर्च
बतादे की हाल ही में बी-स्टार एक्सोप्लैनेट एबंडेंस स्टडी (बीईएसटी) की खोज हुई है और रिसर्च के बाद इस क्षेत्र के ग्रहों व तारों के बीच संबंध के बारे में जानकारी जुटाई गई। रिसर्च से यह सिद्ध हो पाया ।
चित्र के जरिए समझाया गया है ग्रहों की चोरी का रहस्य
तारों व ग्रहों के बीच बीच संबंधों को समझाने के लिए एक चित्र प्रदर्शित किया गया है। जिसमें
एक नीले विशाल तारे के चारों ओर दूर की कक्षा में एक गैस के विशाल ग्रह बृहस्पति के समान ग्रह को दिखाया गया है। जिसमें नजर आता है कि इस ग्रह के किसी अन्य तारे से पकड़े जाने या चोरी होने की संभावना है। इससे स्पष्ट होता है कि तारे एक ही तारा बनाने वाले क्षेत्र के सदस्य हैं और यह वह तारा हो सकता है जिसके आसपास BEASTie का जन्म हुआ था।
पराबैंगनी विकिरण उत्सर्जन ग्रहों का आकार बढ़ने से रोकता है
शेफ़ील्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अनुसार बी-स्टार एक्सोप्लैनेट एबंडेंस स्टडी (बीईएसटी) बड़े सितारों से बड़ी दूरी पर यानी पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी का सैकड़ों गुना दूरी पर बृहस्पति जैसे ग्रह मौजूद हैं। इस रहस्य को लेकर बताया कि विशाल तारे बड़ी मात्रा में पराबैंगनी विकिरण उत्सर्जित करते हैं जो ग्रहों का आकार बढ़ने से रोकता है।
ग्रहों की चोरी अथवा तारों का कब्जा
शेफील्ड विश्वविद्यालय के भौतिकी और खगोल विज्ञान विभाग के अध्ययन के सह-लेखक डॉ एम्मा डैफर्न-पॉवेल का कहना है कि शोध से पता चला है कि तारकीय नर्सरी में सितारे अन्य सितारों से ग्रहों को चुरा सकते हैं, या जिसे हम कहते हैं उस पर कब्जा कर सकते हैं । इन नर्सरी में सूर्य जैसे सितारों की तुलना में बड़े तारों का अधिक प्रभाव होता है, और हमने पाया कि ये विशाल तारे ग्रहों को पकड़ सकते हैं या चुरा सकते हैं। जिसे हम ‘बीस्टीज’ कहते हैं। उनका कहना है कि अनिवार्य रूप से यह एक ग्रह चोरी है। इसीलिए उन्होन कंप्यूटर सिमुलेशन का उपयोग किया और यह दिखाने के लिए किया कि इन BEASTies की चोरी या कब्जा औसतन एक स्टार बनाने वाले क्षेत्र के विकास के पहले 10 मिलियन वर्षों में एक बार होता है। डॉ रिचर्ड पार्कर बताते हैं, “बीईएसटी ग्रह असंख्य एक्सोप्लैनेटरी सिस्टम के लिए एक नया अलग क्षेत्र हैं, जो अविश्वसनीय रूप से विविधता प्रदर्शित करते हैं, जो सूर्य जैसे सितारों के आसपास ग्रह प्रणालियों से संबंध रखते हैं। हमारे सौर मंडल से बहुत अलग, विकसित या मृत तारों की परिक्रमा करने वाले ग्रहों से पता चलता है।
सौर मंडल के ग्रहों की समानता स्थापित करना है उद्देश्य
डॉ रिचर्ड पार्कर और डॉ एम्मा डैफर्न-पॉवेल के अनुसार शोध का उद्देश्य यह स्थापित करना है कि ग्रह कितने सामान्य हैं और हमारे जैसी आकाशगंगा में हजारों सोलर सिस्टम में अन्य ग्रह प्रणालियों के संदर्भ में हैं।
तारे ग्रहों को पूरी तरह बनने से पहले ही वाष्पित कर सकते हैं।
बीईएसटी केबसहयोग से कम से कम दो सुपर-जोवियन ग्रहों की खोज की है जो बड़े सितारों की परिक्रमा कर रहे हैं। बड़े पैमाने पर सितारों के आसपास ग्रह बना सकते हैं। बृहस्पति और शनि जैसे गैस विशाल ग्रहों में, जहां से विकिरण तारे ग्रहों को पूरी तरह बनने से पहले ही वाष्पित कर सकते हैं। BEASTies के लिए देखी गई कक्षाओं का आंकलन करने से पता चला कि समान कक्षाओं पर कब्जा या चोरी हो सकती है। अलबत्ता शोधकर्ताओं का कहना है कि ग्रह अधिक दूर की कक्षाओं में जैसे पृथ्वी से 100 गुना से अधिक दूर सूर्य से अपने मूल तारे की परिक्रमा नहीं कर रहे होंगे। यह शोध रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के मासिक नोटिस में प्रकाशित हुआ है।
श्रोत: शेफील्ड विश्वविद्यालय
क्रेडिट: मार्क गार्लिक

Continue Reading
You may also like...

More in अंतरराष्ट्रीय

Trending News

Follow Facebook Page

About

आज के दौर में प्रौद्योगिकी का समाज और राष्ट्र के हित सदुपयोग सुनिश्चित करना भी चुनौती बन रहा है। ‘फेक न्यूज’ को हथियार बनाकर विरोधियों की इज्ज़त, सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयास भी हो रहे हैं। कंटेंट और फोटो-वीडियो को दुराग्रह से एडिट कर बल्क में प्रसारित कर दिए जाते हैं। हैकर्स बैंक एकाउंट और सोशल एकाउंट में सेंध लगा रहे हैं। चंद्रेक न्यूज़ इस संकल्प के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दो वर्ष पूर्व उतरा है कि बिना किसी दुराग्रह के लोगों तक सटीक जानकारी और समाचार आदि संप्रेषित किए जाएं।समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए हम उद्देश्य की ओर आगे बढ़ सकें, इसके लिए आपका प्रोत्साहन हमें और शक्ति प्रदान करेगा।

संपादक

Chandrek Bisht (Editor - Chandrek News)

संपादक: चन्द्रेक बिष्ट
बिष्ट कालोनी भूमियाधार, नैनीताल
फोन: +91 98378 06750
फोन: +91 97600 84374
ईमेल: [email protected]

BREAKING