अंतरराष्ट्रीय
ब्रिटेन में महाराष्ट्र जैसा हाल, कैबिनेट की बगावत के बाद पीएम जॉनसन का इस्तीफा
ब्रिटेन में महाराष्ट्र जैसा हाल, कैबिनेट की बगावत के बाद प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का इस्तीफा
सीएन, लंदन। ब्रिटेन में महाराष्ट्र जैसे सियासी घमासान के बाद प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को एक ताजा झटका देते हुए बुधवार को और तीन मंत्रियों ने उनकी सरकार से इस्तीफा दे दिया। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, शिक्षा मंत्री विल क्विंस और रॉबिन वॉकर और मंत्री के सहयोगी लॉरा ट्रॉट ने इस्तीफा दे दिया। वैसे तो बोरिस जॉनसन की कुर्सी पर खतरा कई बार मंडराया है लेकिन इस बार बगावत का तूफान उनके लिए बड़ी मुसीबत बन गया। ब्रिटेन में चार कैबिनेट मंत्री समेत 40 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद बोरिस जॉनसन पर भी इस्तीफे का दबाव बढ़ गया। बता दें कि मंगलवार को वित्त मंत्री ऋषि सुनक और स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद तो इस्तीफों की झड़ी लग गई। प्रधानमंत्री कार्यालय ने गुरुवार को कहा कि पीएम बोरिस जॉनसन इस्तीफे के लिए तैयार हो गए हैं। डाउनिंग स्ट्रीट के एक अधिकारी ने कहा कि बोरिस जॉनसन बाद में इस्तीफे का ऐलान करेंगे। जॉनसन ने अपनी कैबिनेट से भी इस्तीफा देने को कहा। ऐसे में 50 से ज्यादा मंत्रियों ने भी इस्तीफा दे दिया। बोरिस जॉनसन के दो शीर्ष मंत्रियों – राजकोष के चांसलर ऋषि सुनक और स्वास्थ्य सचिव साजिद जाविद ने मंगलवार को सरकार छोड़ दी थी। जाविद ने एक ट्वीट में कहा, मैंने स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल राज्य सचिव के रूप में अपना इस्तीफा देने के लिए प्रधानमंत्री से बात की है। इस भूमिका में सेवा करना एक बड़ा सौभाग्य रहा है, लेकिन मुझे खेद है कि मैं अब अच्छे विवेक के साथ काम नहीं कर सकता। जाविद ने कहा कि वह अब अच्छे विवेक के साथ बोरिस जॉनसन की सरकार में सेवा नहीं दे सकते, क्योंकि उन्होंने प्रधानमंत्री में विश्वास खो दिया है। एक पत्र में पद छोड़ने के अपने फैसले का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा, मैं सहज रूप से एक टीम खिलाड़ी हूं, लेकिन ब्रिटिश लोग भी अपनी सरकार से ईमानदारी की उम्मीद करते हैं। एक नेता के रूप में आपने जो स्वर निर्धारित किया है और आप जिन मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, वे आपके सहयोगियों पर प्रतिबिंबित होते हैं। हम हमेशा लोकप्रिय नहीं हो सकते, लेकिन हम राष्ट्रीय हित में कार्य करने में सक्षम हैं। उन्होंने आगे लिखा, दुर्भाग्य से, मौजूदा हालात में जनता यह निष्कर्ष निकाल रही है कि हम अब वैसा नहीं रहे। पिछले महीने विश्वास मत से पता चला कि बड़ी संख्या में हमारे सहयोगी हम से सहमत हैं। यह विनम्रता, पकड़ और एक नई दिशा का क्षण था। मुझे खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि यह स्थिति आपके नेतृत्व में नहीं बदलेगी और आपने मेरा आत्मविश्वास भी खो दिया है। इसके तुरंत बाद सुनक ने भी बोरिस को पत्र लिखा। उन्होंने लिखा, हम मौलिक रूप से बहुत अलग हैं। जनता उम्मीद करती है कि सरकार सही ढंग से और गंभीरता से संचालित होगी। मेरा मानना है कि इन मानकों के लिए हमें लड़ना होगा और इसलिए मैं इस्तीफा दे रहा हूं। सुनक ने लिखा, हमारा देश भारी चुनौतियों का सामना कर रहा है। मैं सार्वजनिक रूप से मानता हूं कि जनता उस सच्चाई को सुनने के लिए तैयार है। उन्हें यह जानने की जरूरत है कि एक बेहतर भविष्य का रास्ता कौन सा है। अगले सप्ताह अर्थव्यवस्था पर हमारे प्रस्तावित संयुक्त भाषण में यह स्पष्ट हो जाएगा कि हमारे दृष्टिकोण मौलिक रूप से बहुत अलग हैं। उन्होंने कहा, मैं सरकार छोड़ने से दुखी हूं, लेकिन मैं अनिच्छा से इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि हम इस तरह से काम करना जारी नहीं रख सकते।