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राष्ट्रपति ट्रंप ने पहलगाम हमले पर दिया बड़ा संदेश  इस बार मध्यस्थता की पेशकश नहीं की

राष्ट्रपति ट्रंप ने पहलगाम हमले पर दिया बड़ा संदेश  इस बार मध्यस्थता की पेशकश नहीं की
सीएन, नईदिल्ली।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर चल रहे तनाव में अमेरिका की किसी भूमिका से इनकार कर दिया। यह बयान पहलगाम आतंकी हमले के बाद आया है। ट्रंप ने कहा कि दोनों देश इस मसले को किसी न किसी तरह सुलझा लेंगे। ट्रंप पहले अपने कार्यकाल में भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश कर चुके हैं, लेकिन शुक्रवार को जब उनसे रोम जाते समय पत्रकारों ने पूछा कि क्या वे इस मुद्दे पर चिंतित हैं और क्या वे दोनों देशों के नेताओं से बात करेंगे, तो उन्होंने इस बार मध्यस्थता की पेशकश नहीं की। रोम में वे पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे थे। ट्रंप ने मजाकिया अंदाज में कहा कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव 1500 साल से चल रहा है। हालांकि यह ऐतिहासिक रूप से अतिशयोक्ति है। उन्होंने कहा मुझे यकीन है कि दोनों नेता इसे सुलझा लेंगे। मैं दोनों को जानता हूं। भारत हमेशा से अपनी सीमा विवादों में बाहरी मध्यस्थता के खिलाफ रहा है, चाहे वह पाकिस्तान के साथ हो या चीन के साथ। दूसरी ओर, पाकिस्तान ने कई बार मध्यस्थता की मांग की है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इस बार पाकिस्तान ने कोई हस्तक्षेप मांगा है। ट्रंप की पहली पेशकश तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के सार्वजनिक अनुरोध के बाद आई थी, लेकिन भारत ने इसे ठुकरा दिया था। ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में भी भारत-चीन सीमा विवाद में मध्यस्थता की पेशकश की थी, तब भी भारत ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। इस बार ट्रंप ने मध्यस्थता की कोई इच्छा नहीं दिखाई लेकिन उन्होंने और उनके अधिकारियों ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समर्थन की पेशकश की। हमले के कुछ घंटों बाद ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर संवेदना और समर्थन व्यक्त किया। व्हाइट हाउस ने भी तुरंत इस हमले पर बयान जारी किया। अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने भी अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने एक्स पर लिखा हम इस जघन्य हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को पकड़ने में आपका समर्थन करते हैं। 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 लोगों को गोलियों से भून दिया गया था। 15 सदस्य देशों वाली सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को जारी अपने एक प्रेस वक्तव्य में दोहराया कि आतंकवाद अपने सभी रूपों व अभिव्यक्तियों में, अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है। सदस्य देशों ने इस हमले के पीड़ित परिजनों भारत और नेपाल सरकार के साथ गहरी सहानुभूति और संवेदना प्रकट की है। उन्होंने घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।

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