अंतरराष्ट्रीय
48 घंटे में कीव पर कब्जे का ख्वाब देख रहे थे पुतिन
क्या व्लादिमीर पुतिन ने वोलोडिमिर जेलेंस्की की ताकत को कम आंका
सीएन, कीव। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 48 घंटे के अंदर यूक्रेन पर कब्जे की उम्मीद लगाए बैठे थे। अब प्लान फेल होता देख उनकी खूब जग हंसाई हो रही है। पुतिन का मानना था कि वह यूक्रेन पर आक्रमण शुरू करने के 48 घंटों के भीतर यूक्रेन की राजधानी कीव और चार अन्य प्रमुख शहरों पर कब्जा कर सकते थे। उन्हें पूरा विश्वास था कि राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की आत्मसमर्पण करेंगे और यूक्रेन पर उनकी शर्तों पर जल्दी से हस्ताक्षर करे देंगे। पर दुर्भाग्य से पुतिन के सपने को साकार करने के लिए युद्ध लड़ रहे रूसी सेना को यूक्रेनी सेना और नागरिकों की तरफ से भारी प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। रूसी सैनिक पिछले तीन दिनों से यूक्रेन की राजधानी कीव को घेरे हुए हैं, लेकिन शहर के अंदर यूक्रेनी सेना की जबरदस्त जवाबी कार्रवाई से उन्हें घुसने का मौका नहीं मिल पा रहा। कुछ ऐसा ही नजारा यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में भी देखने को मिला है। यूक्रेनी सेना ने दावा किया है कि उसने खारकीव की सड़कों से रूसी सेना को बाहर खदेड़ दिया है।यूक्रेनी राजनयिक बोले-हमारी सेना ने रूस को रोक दिया
द टाइम्स से बात करते हुए लंदन में यूक्रेनी दूतावास के प्रथम सचिव और राजनयिक डायमेट्रो टेट्रिकोव ने कहा कि रूस का आक्रमण योजना के अनुसार नहीं हुआ क्योंकि यूक्रेन हमारी मिट्टी, हमारा परिवार, हमारा घर है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में अपने सहयोगियों के समर्थन से यूक्रेनी लोगों और सेना को कोई डर नहीं था। उन्होंने यह भी बताया कि यूक्रेन की सेना ने अब तक रूस को अपने हवाई क्षेत्र पर नियंत्रण पाने से रोककर अपेक्षाओं पर खरी उतरी है। उन्होंने रूसी सेना के टैंको और आर्मर्ड व्हीकल्स को भी उड़ा दिया है और रूस से दागी कई गई क्रूज मिसाइलों को भी मार गिराया है। यूक्रेनी राजनयिक ने बताया कि रूस के 900,000 के मुकाबले यूक्रेन में केवल 196,600 सैनिक हैं, इसके बावजूद उन्होंने हमलावर फौज की गति को काफी हद तक धीमा कर दिया है।
रूसी सेना को यूक्रेन में उठाना पड़ा भारी नुकसान
यूक्रेन के साथ लड़ाई में रूसी सेना को भारी संख्या में अपने सैनिकों को भी गवाना पड़ा है। युद्ध के चौथे दिन तक पहुंचने के कारण रूसी पक्ष में हताहतों की तादादा काफी ज्यादा है। द इकोनॉमिस्ट ने रिपोर्ट दी कि सीरिया में आठ वर्षों की लड़ाई की तुलना में रूसी सैनिक पिछले 24 घंटों में अधिक हताहत हुए हैं। खुद रूस ने भी स्वीकार किया है कि उसके कुछ सैनिक जंग के दौरान मारे गए हैं, हालांकि कोई निश्चित संख्या की जानकारी नहीं दी गई है। वहीं, यूक्रेन का दावा है कि उसकी सेना ने रूस के 3500 से अधिक सैनिकों को मार गिराया है। हालांकि इनके दावों की भी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है। कुछ रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया है कि रूसी सैनिक अब लड़ने से इनकार कर रहे हैं। पर, इसकी भी सत्यता पूरी तरह से संदिग्ध है।
रूसी सैनिकों के हथियार डालने का कर रहे दावा
हेनरी जैक्सन सोसाइटी के एक रिसर्च फेलो तारास कुजियो ने बताया कि यूक्रेनी न्यूज चैनल 24 ने दावा किया है कि खारकीव के उत्तर में तैनात रूसी सेना के लगभग 5000 सैनिक यूक्रेन पर हमला करने से इनकार कर रहे हैं। कुजियो ने यह भी दावा किया कि क्रीमिया के पास अग्रिम मोर्चों की रिपोर्ट से पता चला है कि आधे रूसी सैनिकों ने अपने उपकरणों और हथियारों को यूक्रेनियन को सौंपकर लड़ने से इनकार कर दिया है। रूस में आक्रमण को लेकर पुतिन के खिलाफ व्यापक गुस्सा है, कई रूसियों ने मास्को में विरोध किया, जबकि कुछ सरकारी कर्मचारियों ने इस्तीफा दे दिया। 27 फरवरी को खारकीव के सिटी सेंटर तक रूसी सैनिकों के पहुंचने की खबरें थी, लेकिन बाद में दावा किया गया है कि यूक्रेनी सेना ने उन्हें पीछे खदेड़कर शहर पर फिर से कब्जा जमा लिया है।
खारकीव में पकड़े गए रूसी सैनिक
खारकीव ओब्लास्ट के गवर्नर ओलेह सिनयेहुबोव ने कहा कि यूक्रेन की सेना ने कुछ रूसी सैनिकों को हिरासत में ले लिया है। उन्होंने कहा कि जिन रूसी सैनिकों को बंदी बना लिया गया था, वे पूरी तरह से जबरन वसूली और मनोबल गिराने की बात कर रहे हैं। उनका रूसी सेना की सेंट्रल कमांड से कोई लेना-देना नहीं है, न तो समझ में आता है और न ही उनको भविष्य की प्लानिंग के बारे में कुछ पता है।