अंतरराष्ट्रीय
अमेरिकी आकाश में उड़ रहे थे एलियंस? सैन्य कमांडर ने कहा-इनकार नहीं कर सकते
अमेरिकी आकाश में उड़ रहे थे एलियंस? सैन्य कमांडर ने कहा- इनकार नहीं कर सकते
सीएन, नईदिल्ली। अमेरिका में चीनी जासूसी गुब्बारे जैसे संदिग्ध ऑब्जेक्ट दिखना बंद नहीं हो रहे हैं। पिछले दिनों चीनी गुब्बारे को मार गिराए जाने के बाद से अब तक अमेरिकी एयर स्पेस में ऐसे चार ऑब्जेक्ट को देखा जा चुका है, जिन्हें अमेरिकी वायु सेना द्वारा मार गिराया गया। अब यूएस नॉर्थ अमेरिकन एयरोस्पेस डिफेंस कमांड और नॉर्दर्न कमांड के प्रमुख वायु सेना जनरल ग्लेन वानहर्क ने चौंकाने वाली बात कही है। ग्लेन वानहर्क ने कहा, वह इस संभावना से इनकार नहीं कर रहे हैं कि अमेरिकी सेना द्वारा मार गिराई गई वस्तुएं एलियंस नहीं हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि खुफिया विशेषज्ञ उसका अध्ययन किस प्रकार करते हैं। मैं इस बारे में पता लगाने की जिम्मेदारी खुफिया विभाग और वैज्ञानिक समुदाय पर छोड़ता हूं। फिलहाल हम अमेरिका की तरफ आने वाले सभी अनजान खतरों और संभावित खतरों की पहचान कर उनकी जानकारी जुटाते हैं। अमेरिकी सैन्य कमांडर ने कहा है कि अभी तक यह भी निर्धारित नहीं हो सका है कि पिछले तीन दिनों में मार गिराए गए ऑब्जेक्ट अमेरिकी एयरस्पेस में कैसे पहुंचे। उन्होंने कहा, हम उन्हें चीनी गुब्बारा किसी कारण से नहीं कह रहे हैं। बता दें, अमेरिकी एयर स्पेस में संदिग्ध चीनी जासूसी गुब्बारा देखे जाने के बाद संदिग्ध ऑब्जेक्ट एक के बाद एक सामने आ रहे हैं। बीते रविवार को भी अमेरिकी सेना ने एक ऑब्जेक्ट को अमेरिका-कनाडाई सीमा पर हूरोन झील के ऊपर देखा गया था और इसी मार गिराया। वानहर्क की टिप्पणी रविवार को पेंटागन ब्रीफिंग के दौरान आई, जब एक अमेरिकी एफ-16 फाइटर जेट ने यूएस-कनाडा सीमा पर हूरोन झील के ऊपर एक अष्टकोणीय आकार की वस्तु को मार गिराया। पिछले तीन दिनों की घटनाएं 4 फरवरी को एक चीनी गुब्बारे को मार गिराने के बाद हुई हैं, जिसने उत्तर अमेरिकी हवाई सुरक्षा को हाई अलर्ट पर रखा था। 11 फरवरी को कनाडा ने भी अमेरिकी जेट से एक फ्लाइंग ऑब्जेक्ट को मार गिराने का दावा किया था। अमेरिकी अधिकारियों ने 4 फरवरी की घटना को लेकर कहा था कि खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए गुब्बारे का इस्तेमाल किया जा रहा था। वहीं, चीन ने इससे साफ इनकार करते हुए इसे सिविल बैलून बताया था और कहा था कि इसका इस्तेमाल सिर्फ मौसम संबंधित रिसर्च कार्य के लिए किया जा रहा था।