अंतरराष्ट्रीय
यूक्रेन-रूस का आपसी विवाद अब युद्ध की कागार पर आ खड़ा हुआ
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन के 2 क्षेत्रों को अलग राज्य घोषित किया
सीएन, नईदिल्ली। यूक्रेन-रूस का आपसी विवाद थमता नज़र नही आ रहा है औऱ अब युद्ध की कागर पर आ खड़ा है । रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन के 2 क्षेत्रों को अलग राज्य घोषित कर दिया इसके बाद दुनियाभर में हलचल मच गई है। बीती रात अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राष्ट्र को सम्बोधित कर कहा की हम हर स्थिति का आकलन कर रहे हैं, स्थिति के मद्देनजर ही हम अगला कदम उठाने जा रहे हैबाइडेन ने कहा है कि हमारी तरफ से रक्षात्मक कदम उठाए जा रहे हैं,दो रूसी वित्तीय संस्थानों पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान करते हुए बाइडेन ने कहा है कि रूस, पश्चिमी देशों के साथ और व्यापार नहीं कर पाएगा, हमारे पास कई कदम हैं जो उठाए जाने हैं, रूस को पश्चिमी देशों से मिलने वाली मदद पर रोक लगाई जाएगी, रूस ने बार बार अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है। यूक्रेन की सीमाओ को रूसी सेना घेरा हुआ है, रूस का ये कदम हमले की तैयारी है।
रूस-यूक्रेन विवाद पर दो धड़ों में बंटती दुनिया
यूक्रेन को नाटो देशों में शामिल करने को लेकर रूस की बेहद तल्ख आपत्ति के चलते हुआ विवाद अब धीरे-धीरे युद्ध की तरफ अग्रसर हो रहा है, आगबबूला रूस ने यूक्रेन की सीमा के नज़दीक लाखों की संख्या में अपने सैनिकों की तैनाती करके दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया है, वहीं रूस के द्वारा इस समय बेलारूस के साथ युद्धाभ्यास करने के चलते इस क्षेत्र में जबरदस्त तनाव का युद्ध वाला दहशत पूर्ण माहौल पैदा हो गया है। हालांकि विश्व के अधिकांश देश बेहद करीब से पल-पल रूस-यूक्रेन के बीच उभरे जबरदस्त तनाव पर निरंतर नज़र लगाएं हुए बैठे हैं, क्योंकि इस एक छोटे से विवाद के चलते दुनिया की दो बेहद ताकतवर महाशक्तियां रूस व अमेरिका अब एक दूसरे के आमने-सामने खुलकर आ गयी हैं। रूस-यूक्रेन का यह आपसी विवाद का मसला बेहद तनाव पूर्ण हालात के चलते अब इस स्तर तक पहुंच चुका है कि लोगों को लगने लगा है कि कुछ देशों की अति महत्वाकांक्षा के चलते दुनिया के सामने एकबार फिर से विश्वयुद्ध की नींव रखने वाले युद्ध का खतरा मंडराने लगा है। वैसे भी इस संकट की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से इस ज्वंलत मसले पर लगातार संपर्क में हैं और वह हालात को नियंत्रित करने के लिए पुतिन से एक घंटे लंबी फोन पर बात तक कर चुके हैं, यह इस स्थिति की गंभीरता को दर्शाने के लिए काफी है। रूस और यूक्रेन दोनों जुड़वा देश रहे हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूक्रेन सोवियत संघ में शामिल हुआ। सन् 1990 में रूस से अलग होने के बाद से ही अमेरिका यूक्रेन सहित सोवियत संघ से अलग हुए देशों में अपनी कठपुतली सरकारें बिठाने का षड्यंत्र करता रहा है। इस क्षेत्र में अमेरिका की बढ़ती दखलंदाजी को रूस अपने लिए खतरा मानता है। पश्चिम का पूंजीवादी मीडिया रूस को आक्रमणकारी और साम्राज्यवादी देश प्रचारित कर रहा है। इस बीच नाटो की भूमिका पर कोई चर्चा नहीं है। अतीत में रूस और यूक्रेन दोनों जुड़वा देश रहे हैं। रूस, यूक्रेन, बेलारूस का इतिहास और संस्कृति समान है। मध्ययुग में स्लाव संप्रदाय इन देशों के भौगोलिक क्षेत्र में फैला हुआ था। किसी काल में यूक्रेन पोलैंड का भी भाग रहा है। सन् 1917 की क्रांति के पश्चात अंततोगत्वा वह सोवियत संघ से जुड़ा। सन् 1990 में जब यूक्रेन सोवियत संघ से अलग हुआ तब वह पश्चिम और पूर्व में विभाजित सा हो गया। एक तरफ वह क्षेत्र था जहां कोयले की खदानें थी, औद्योगीकरण था। दूसरी तरफ पूर्वी भाग इतना विकसित नहीं हुआ था। इस अंतर्विरोध का अमेरिका ने लाभ लेने का प्रयास किया।