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ब्रह्माण्ड में होगी महाघटना : एक दूसरे में समा जाएंगे दो सूपर मैसिव ब्लैक होल
ब्रह्माण्ड में होगी महाघटना : एक दूसरे में समा जाएंगे दो सूपर मैसिव ब्लैक होल
सीएन, नैनीताल। तीन साल बाद ब्रह्माण्ड की प्रलायकारी घटना के हम गवाह बनने जा रहे हैं। इस घटना में ब्रह्माण्ड की दो महाशक्तियां आपस में टकराने जा रही है। जिसमें दो सुपरमैसिव ब्लैक होल के टकराने की संभावना वैज्ञानिकों ने जताई है। इस घटना को लेकर वैज्ञानिकों का कहना है कि बहुप्रतीक्षित घटना का उन्हे लंबे समय से इंतजार है। यदि प्रारंभिक संकेत और आंकलन सही हैं, तो हम ऐतिहासिक प्रलयकारी घटना देखने के नजदीक आ पहुंचे हैं। मगर वैज्ञानिक यह भी कहते हैं कि इस घटना की सटीक पुष्टि के लिए अभी और अधिक शोध व अवलोकन की जरूरत है।
J1430+2303 ये हैं ये ब्लैक होल
विज्ञान की एक रिपोर्ट दी गई चेतावनी से पता चलता है कि आकाशगंगा SDSS J1430+2303 के केंद्र से प्रकाश रीडिंग में उतार-चढ़ाव आ रहा है । लगभग 200 मिलियन सूर्य के संयुक्त द्रव्यमान के साथ सुपरमैसिव ब्लैक होल एक बड़े टकराव की घटना के लिए एक दूसरे की ओर बढ़ रहे हैं। अब यदि वैज्ञानिकों ने आंकड़ों की सही व्याख्या की है तो यह वर्तमान की ऐतिहासिक घटना होगी। क्षितिज टेलीस्कोप (ईएचटी) से ली गई तस्वीर ली गई है। ब्लैक होल की पहली छवि में साथ-साथ हैं। खगोलविदों का मानना है कि प्राप्त डेटा के अनुसार यह दोनों मेसिव ब्लैक होल अगले तीन वर्षों में एक दूसरे में समा जाएंगे।
इनके टकराने को लेकर अधिक शोध की जरूरत
खगोलीय अवलोकनों की बात करें तो वैज्ञानिक यह भी मानते हैं कि J1429+2303 के केंद्र में दो ब्लैक होल टकराने के कगार पर हैं या नहीं, इसकी पुष्टि के लिए और अधिक अवलोकनों की आवश्यकता है। उनके निष्कर्षों को एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स जर्नल में स्वीकार किया गया है और वे प्री-प्रिंट सर्वर ArXiv में उपलब्ध हैं।
पहली ब्लैक होल की टक्कर का 2015 में पता चला था।
ब्लैक होल के टकराने की घटनाएं पहले भी होते रही हैं। ब्लैक होल टक्कर का पता पहली बार 2015 में गुरुत्वाकर्षण तरंगों के कारण लगाया गया था । इस घटना ने अंतरिक्ष-समय के माध्यम से तरंग भेजी थी। जिसमें गुरुत्वाकर्षण बल घटना के बाद कई वर्षों से बाहर निकल रहा था। इसका मतलब है कि होने जा रही एसडीएसएस जे1430+2303 के केंद्र में टकराव की घटना को खगोलविद इस तरह की घटना को पहली बार देख सकेंगे।
इस ब्रह्मांडीय घटना की अगुवाई में एक महत्वपूर्ण चेतावनी है।
सुपरमैसिव ब्लैक होल गुरुत्वाकर्षण तरंगों को एक ऐसी सीमा में उत्पन्न करते हैं जो हमारे वर्तमान गुरुत्वाकर्षण तरंग उपकरणों का पता लगाने के लिए बहुत कम है। एलआईजीओ व अन्य माध्यम से अब तक लगभग सभी ब्लैक होल विलय का पता लगाया गया है, जो दोनों बाइनरी ब्लैक होल द्वारा उत्पन्न आवृत्ति में तरंगों का पता लगाने में सक्षम हैं।
इस घटना को कैप्चर करने में सक्षम है
खगोलविदों का मानना है कि घटना में स्पेक्ट्रम में बड़े पैमाने पर प्रकाश का उत्सर्जन होगा। जिसे वे अन्य वेधशालाओं का उपयोग कर इसकी जानकारी जुटाने में सक्षम होंगे। यदि ऐसा होता है, तो यह वैज्ञानिक समुदाय को सुपरमैसिव ब्लैक होल के विकास व अन्य जानकारियां के बारे में बहुत कुछ सीखने में मदद कर सकता है।
सुपर मैसिव ब्लैक होल के बनने का रहस्य अभी भी बरकरार
हम पूरी तरह से यह नहीं समझते हैं कि सुपरमैसिव ब्लैक होल इतने बड़े कैसे हो जाते हैं, हालांकि कुछ संकेत हैं कि वे बाइनरी ब्लैक होल विलय के कारण बन सकते हैं। जैसा कि आकाशगंगा J1429+2303 एक प्रलयकारी सुपरमैसिव ब्लैक होल टकराव की मेजबानी करने वाला हो सकता है, खगोलविद अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपनी वेधशालाओं को प्रशिक्षित करेंगे ताकि पहले और बाद में डेटा की जांच की जा सके और इसके निहितार्थों को बेहतर ढंग से समझा जा सके, साथ ही साथ तंत्र का नेतृत्व किया।