अंतरराष्ट्रीय
आर्थिक कंगाली से जूझ रहे इस देश ने बेचने शुरू कर दिये अपने खूबसूरत शहर
सीएन, रास अल हिकमा। मिस्र की सरकार आर्थिक कंगाली से निरंतर जूझ रहीं है। इस करण इन्हे एक-एक कर अपने प्रमुख शहरों को बेचना पड़ रहा है। इसी कड़ी में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी ने धरती पर स्वर्ग कहे जाने वाले अपने प्रमुख शहर ‘रास अल हिकमा’ को भी बेच दिया है। मिस्र के इस ऐतिहासिक शहर को किसी और देश ने नहीं बल्कि यूएई ने 35 अरब डॉलर की रकम खर्च करते हुए ‘रास अल हिकमा’ को खरीदा है। मिस्र की सरकार आर्थिक कंगाली से निरंतर जूझ रहीं है। यही वजह है कि वह अपने प्रमुख शहरों को बेचने पर मजबूर हो रहा है। मौजूदा सरकार को अन्य देशों से कर्ज भी नहीं मिल रहे हैं। हाल ही में मिस्र ने सऊदी अरब और यूएई जैसे देशों से कर्ज की गुहार लगाई थी, लेकिन उसे इन दोनों देशों से मायूसी हाथ लगी थी। रास अल-हिकमा अलेक्जेंड्रिया के पश्चिम में लगभग 200 किमी की दूरी पर है। यह अमीर टूरिस्ट वाला इलाका है, जो अपने सफेद रेत वाले बीच के लिए मशहूर है। मिस्र धीमी गति से बढ़ते आर्थिक संकट में फंस गया है, जिसमें विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है। इस कारण मिस्र के पाउंड और स्थानीय व्यवसायों पर दबाव बना हुआ है। पिछली गर्मियों में मुद्रास्फीति रिकॉर्ड पर पहुंच गई। कर्ज का बोझ बढ़ रहा है। वहीं अब यमन के हूती विद्रोहियों की ओर से लाल सागर में जहाजों पर हमले से स्वेज नहर के राजस्व में कमी होती जा रही है। धरती पर स्वर्ग कहे जाने वाला ‘रास अल हिकमा’ समुद्र के किनारे बसा एक बेहद ही खूबसूरत शहर है। हालांकि, इस शहर को मजबूरी में मिस्र को बेचना पड़ा है। ‘रास अल हिकमा’ पर्यटकों के पसंदीदा स्थान के रूप में भी मशहूर है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो मिस्र द्वारा इस शहर को खरीदने के बाद यूएई यहां कई प्रॉजेक्ट पर जल्द ही काम शुरू करने वाला है. यूएई द्वारा यहां करीब 150 अरब डॉलर के निवेश का प्लान बनाया गया है. इस मेगा प्रॉजेक्ट में मिस्र की भी 35 फीसदी साझेदारी है. अगर यह प्लान कामयाब रहा तो मिस्र के इतिहास में यह सबसे बड़ा कोई विदेशी निवेश होगा।