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कोरोना काल से घर में बंद थे तीन बच्चे, पुलिस ने अपने ही मां-बाप के चंगुल से बचाया
कोरोना काल से घर में बंद थे तीन बच्चे, पुलिस ने अपने ही मां-बाप के चंगुल से बचाया
सीएन, ओविएडो। पूरी दुनिया कोविड-19 के प्रभाव से निकल चुकी है। लेकिन तीन बच्चों के लिए ये त्रासदी अब जाकर खत्म हुई है। लगभग चार साल बाद इन बच्चों को सूर्य की रोशनी नसीब हुई है। और खुली हवा में सांस ले पाए हैं। क्योंकि साल 2021 से इनके पैरेंट्स ने इनको लॉकडाउन के नाम पर टोटल आइसोलेशन घर में बंद में रखा था और चेहरे पर फेस मास्क लगाए रखने को मजबूर किया गया था। ये घटना स्पेन के ओविएडो शहर की है। यहां पुलिस ने 8 साल की दो जुड़वां बहनें और उनके 10 साल के एक भाई को रेस्क्यू किया गया है। न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक इनकी मां एक जर्मन-अमेरिकन मूल की महिला है और पिता जर्मन मूल के हैंं इन दोनों को आदतन मनोवैज्ञानिक दुर्व्यवहार और बच्चों को छोड़ने के साथ-साथ घरेलू हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया गया हैं जांच अधिकारियों ने बताया कि ये कपल कोविड सिंड्रोम नाम की बीमारी से पीड़ित थें ;यह एक मनोवैज्ञानिक स्थिति है जिसमें वायरस से संबंधित तर्कहीन भय पैदा हो जाता है, जिसके चलते इन्होंने अपने बच्चों को इतने लंबे समय से सख्त आइसोलेशन में रखा थां पड़ोसियों की शिकायत पर स्पेन पुलिस ने इस मामले में जांच की शुरुआत की दरअसल पड़ोसियों ने लंबे समय से बच्चों को स्कूल जाते या बाहर खेलते नहीं देखा जिसके बाद उन्होंने पुलिस से इसकी शिकायत की 28 अप्रैल को जांच अधिकारी जब घर के अंदर पहुंचे तो उन्होंने बच्चों को बेहद दयनीय स्थिति में पाया एक जांचकर्ता के मुताबिक बच्चों की हालत बेहद खराब थीं जब अधिकारी बच्चों को बाहर ले आए तो वह पर दिल दहला देने वाला थां उन्होंने बताया, जैसे ही हम उन्हें बाहर ले गएं तीनों बच्चे गहरी सांस लेने लगे, मानो बाहर की दुनिया से वो बिलकुल अनजान हैंं। स्पेन के आउटलेट्स ने इनकी तस्वीरें जारी की हैं। इनमें बच्चों को घर से बाहर निकलते समय चेहरे पर मास्क लगाए दिखाया गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बच्चे बेहद खुश नजर आ रहे थे। एक बच्चे ने घास को छूने के लिए हाथ बढ़ाया। सालों बाद बाहरी दुनिया के साथ ये उनका पहला अनुभव था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जांच अधिकारी इस बात की जांच में जुटे हैं कि परिवार बिना किसी हस्तक्षेप के इतने लंबे समय तक अलग-थलग कैसे रह पाया। इस मामले ने पूरे स्पेन में आक्रोश पैदा कर दिया है। यहां कोविड के लॉन्ग टर्म साइकोलॉजिकल इफेक्ट के बारे में सवाल उठाए जा रहे हैं।
