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आज 26 अप्रैल को है विश्व बौद्धिक संपदा दिवस: बौद्धिक संपदा के बारे में जागरुकता बढ़ाना उद्देश्य

आज 26 अप्रैल को है विश्व बौद्धिक संपदा दिवस: बौद्धिक संपदा के बारे में जागरुकता बढ़ाना उद्देश्य
सीएन, नैनीताल।
26 अप्रैल को विश्व बौद्धिक संपदा दिवस के रूप में मनाने के लिए चुना गया था क्योंकि इस दिन विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की स्थापना करने के लिए कन्वेंशन लागू हुआ था। विश्व बौद्धिक संपदा दिवस चीन द्वारा प्रस्तावित किया गया था। हर वर्ष 26 अप्रैल को दुनिया बौद्धिक संपदा के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने और इसकी सुरक्षा के लक्ष्य के साथ विश्व बौद्धिक संपदा दिवस मनाती है। इस आयोजन का उद्देश्य व्यक्तियों को कॉपीराइट, ट्रेडमार्क, पेटेंट और अन्य जैसी बौद्धिक संपदा की सुरक्षा के विभिन्न तरीकों पर शिक्षित करना है। विश्व बौद्धिक संपदा  डब्ल्यूआईपीओ दिवस मनाने का प्राथमिक उद्देश्य बौद्धिक संपदा की सुरक्षा के महत्व और उनकी सुरक्षा के तरीकों के बारे में जागरूकता पैदा करना है। यह आयोजन बौद्धिक संपदा संरक्षण के विभिन्न रूपों और उनके महत्व को उजागर करना चाहता है। इस दिन की अवधारणा शुरू में सितंबर 1988 में डब्ल्यूआईपीओ सदस्य राज्यों के 33वें विधानसभा सत्र के दौरान प्रस्तावित की गई थी और इसे आधिकारिक तौर पर 9 अगस्त 1999 को स्थापित किया गया था। डब्ल्यूआईपीओ की उत्पत्ति 1883 में मानी जाती है जब औद्योगिक संपत्ति की सुरक्षा के लिए पेरिस कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए गए थे।
डब्ल्यूआईपीओ पेरिस कन्वेंशन ने आविष्कारों, वास्तुकला और औद्योगिक डिजाइनों के लिए वित्तीय सुरक्षा की स्थापना की थी। वर्ष 1970 में विश्व प्रतिभा संपदा संगठन की स्थापना वाला सम्मेलन लागू हुआ। इसके प्रभाव स्वरूप से  डब्ल्यूआईपीओ का निर्माण हुआ। 1974 में  डब्ल्यूआईपीओ यूनाइटेड नेशन की एक विशेष एजेंसी बनी। वर्ष 2000 में  डब्ल्यूआईपीओ ने आधिकारिक तौर पर 26 अप्रैल को विश्व सम्पदा दिवस के रूप में घोषित किया। 26 अप्रैल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन कन्वेंशन लागू किया गया था। 2022 तक 189 देश में मनाया जाने वाला एक वार्षिक वैश्विक कार्यक्रम बन गया। दूरसंचार के बहुप्रभावी प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने और चर्चा को बढ़ावा देने के लिए इसमें विविध सहभागिता और पहलों का आयोजन किया गया है।
इस दिन टेलीकॉम समाधानों का पता लगाने और बढ़ावा देने के लिए भागीदारी का अवसर प्रदान किया जाता है जो आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण में योगदान दे सकते हैं। इसका उद्देश्य संचार सुरक्षा के महत्व और नवाचार और उद्यम को बढ़ावा देनाए बौद्धिक संपदा की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी है। यह दिवस बौद्धिक संपदा संरक्षण के महत्व को उजागर करता है और नवाचार तथा उद्यम को बढ़ावा देने में दूरसंचार की भूमिका को बढ़ावा देता है। डब्ल्यूआईपीओ संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है। यह दुनिया भर में संपदा की सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देने के लिए काम करती है।  डब्ल्यूआईपी  कन्वेंशन के अलावा अन्य सेवाएँ और संस्थाओं की एक श्रृंखला भी प्रदान करता है। इसका उद्देश्य समानता संरक्षण जागरूकता को बढ़ावा देना है। विश्व संपदा संगठन  
संपदा संपदा आईपी संपत्ति की एक श्रेणी है जिसमें मानव बुद्धि की रचनाएं मुख्य रूप से कॉपीराइट, पासपोर्ट और प्रारूप शामिल हैं। डब्ल्यूआईपीओ के गठन 1967 में प्रोत्साहन प्रोत्साहन को बढ़ावा देने और विश्व में संरक्षण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए किया गया। वर्तमान में डब्ल्यूआईपीओ के अंतर्गत 26 अंतर्राष्ट्रीय संधियाँ शामिल हैं। डब्ल्यूआईपीओ का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है। वर्तमान में 191 देशों के सदस्य हैं। संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश के सदस्य बन सकते हैं लेकिन यह इसमें शामिल नहीं है। भारत 1975 में डब्ल्यूआईपीओ का सदस्य बना।

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