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दुर्घटना

गुजरात में एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त होने पर विमान के धाकड़ 12 क्रू मेंबर दुनिया छोड़ कर चले गये

गुजरात में एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त होने पर विमान के धाकड़ 12 क्रू मेंबर दुनिया छोड़ कर चले गये
सीएन, नई दिल्ली।
अहमदाबाद से उड़ान भरने के बाद एयर इंडिया का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस विमान में 12 क्रू मेंबर थे। ये सभी क्रू मेंबर इस हादसे में मारे गए। इन क्रू मेंबर्स में एक पायलट थे जो रिटायर होने वाले थे। एक फ्लाइट अटेंडेंट थीं जिन्हें 11 साल से ज़्यादा का अनुभव था। कुछ क्रू मेंबर ऐसे थे जिन्होंने हाल ही में एयर इंडिया ज्वाइन किया था। एक 24 साल की फ्लाइट अटेंडेंट भी थीं जो अपने गांव की लड़कियों के लिए प्रेरणा बन गई थीं। कैप्टन सुमीत सभरवाल इस विमान के पायलट थे। उनकी उम्र 60 साल थी। वे एयर इंडिया के सबसे सीनियर क्रू मेंबर थे। वे अहमदाबाद से लंदन जा रहे विमान को उड़ा रहे थे। कैप्टन सभरवाल पिछले कई सालों से पायलट थे। वे पवई के जलवायु विहार में अपने 90 साल के पिता के साथ रहते थे। उनके पड़ोसियों ने बताया कि वे कुछ ही महीनों में रिटायर होने वाले थे। उन्होंने रिटायरमेंट के बाद अपने पिता के साथ ज़्यादा समय बिताने की योजना बनाई थी। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में एक पड़ोसी ने बताया वे बहुत शांत और अनुशासित थे। हम उन्हें अक्सर वर्दी में आते.जाते देखते थे, लेकिन वे बहुत ही शांत स्वभाव के व्यक्ति थे। सभरवाल अपने पीछे अपनी बड़ी बहन को छोड़ गए हैं। उनकी बहन दिल्ली में रहती हैं। उनके दो बेटे भी हैं जो पायलट हैं। उनकी मौत से उनके परिवार ही नहीं, बल्कि पवई के लोग भी सदमे में हैं। कैप्टन सभरवाल के साथ फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर भी विमान उड़ा रहे थे। शुरुआती जांच में पता चला है कि विमान में लंबी दूरी की उड़ान के लिए ज़्यादा ईंधन भरा गया था। इस वजह से धमाका और भी ज़्यादा शक्तिशाली था। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं। भारत में विमानों की सुरक्षा का ध्यान रखने वाली सबसे बड़ी संस्था है। दीपक पाठक भी इस विमान में क्रू मेंबर थे। वे बदलापुर में रहते थे। वे 11 साल से ज़्यादा समय से एयर इंडिया में काम कर रहे थे। दीपक हमेशा उड़ान भरने से पहले अपने घर पर फोन करते थे। उन्होंने गुरुवार को भी ऐसा ही किया था। उनके परिवार के एक सदस्य ने बताया, उन्होंने हमें हमेशा की तरह फोन किया, जैसे वे हमेशा करते हैं बस निकलने से पहले। हमने कभी नहीं सोचा था कि यह आखिरी बार होगा। शुरुआत में दुर्घटना के बाद परिवार को उम्मीद थी। परिवार के लोगों का कहना थाए ष्उनका फोन अभी भी बज रहा था। हमने सोचा कि शायद वे सुरक्षित होंगे। लेकिन बाद में अधिकारियों ने उनकी मौत की पुष्टि कर दी। दीपक के रिश्तेदारों ने उन्हें कर्तव्यनिष्ठ और अनुशासित बताया। वे अपने काम के प्रति समर्पित थे और कभी भी अपने परिवार से दूर नहीं हुए। इस त्रासदी से पाठक परिवार और बदलापुर के लोग बहुत दुखी हैं। लोग उन्हें एक सज्जन व्यक्ति के रूप में जानते थे।
साइनीता चक्रवर्ती भी इस विमान में क्रू मेंबर थीं। वे 35 साल की थीं। उन्हें प्यार से पिंकी कहा जाता था। वे जुहू कोलीवाड़ा में रहती थीं। साइनीता ने हाल ही में एयर इंडिया ज्वाइन किया था। इससे पहले वे गो एयर के साथ काम कर रही थीं। उनकी बचपन की दोस्त निक्की डीसूजा ने बताया हम साथ में बड़े हुए। उसने मानेकजी कूपर स्कूल और बाद में मीठीबाई कॉलेज में पढ़ाई की। सालों बाद भी, मैं उसे कभी-कभी उसकी वर्दी में देख लेता थी। निक्की ने बताया कि साइनीता हमेशा अपने काम के प्रति समर्पित थीं। उन्होंने कहा, वह जहां तक भी पहुंची, उसके लिए कड़ी मेहनत की। यह बहुत दुखद है। मैथिली मोरेश्वर पाटिल भी इस विमान में क्रू मेंबर थीं। वे 24 साल की थीं। वे न्हावा गांव पनवेल की रहने वाली थीं। विमान दुर्घटना की खबर सुनने के बाद गांव के लोग उनके घर पर जमा हो गए। सभी लोग उस कड़ी मेहनत को याद कर रहे थे जो उन्होंने विमानन क्षेत्र में अपना करियर बनाने के लिए की थी। उन्होंने रहमान विद्यालय में 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने एविएशन कोर्स में दाखिला लिया। उनके परिवार ने आर्थिक तंगी के बावजूद उनका पूरा साथ दिया। उन्हें एयर इंडिया में नौकरी मिली। वह न्हावा गांव और उसके आसपास की अनगिनत युवतियों के लिए प्रेरणा बन गई थीं। एक पड़ोसी ने कहा वह हमारी शान थीं। उनकी उपलब्धियों से हमें बहुत खुशी मिली। दुर्घटना की खबर से हम सब सुन्न हो गए हैं। मैथिली चार भाई.बहनों में सबसे बड़ी थीं। उनके एक रिश्तेदार ने बताया वह कल दोपहर काम के लिए निकली थी। हमें बताया गया कि वह उस प्लेन में थीं जो क्रैश हो गया। रोशनी राजेंद्र सोंगारे भी इस विमान में क्रू मेंबर थीं। वे 27 साल की थीं। वे डोंबिवली के मधाबी बंगला इलाके में रहती थीं। रोशनी के माता.पिता और भाई खबर मिलते ही मुंबई एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए। रोशनी ने हाल ही में एयर इंडिया ज्वाइन किया था। उनके एक रिश्तेदार ने बताया कि वह फ्लाइट अटेंडेंट के तौर पर काम कर रही थीं। एयर होस्टेस बनना उनका सपना था। वह अपने माता.पिता और भाई के साथ डोंबिवली पूर्व में न्यू उमिया कृपा सोसाइटी में रहती थीं। एक शांत से घर में दर्द और उम्मीद के बीच एक खामोश जंग चल रही है। फोन बजता है। बार.बार। कोई जवाब नहीं देता। यह नंबर है 20 वर्षीय नगंथोई शर्मा का। एयर इंडिया फ्लाइट ।प्.171 की वही फ्लाइट अटेंडेंट थीं। मणिपुर के थोउबल जिले में स्थित शर्मा परिवार के लिए हर बजती कॉल एक नई उम्मीद जगाती है और साथ ही डर को और गहरा कर देती है। उसका फोन कई बार बजा। इंटरनेट ऑन है। सिग्नल भी मिल रहे हैं। इसका मतलब कुछ तो है नाघ् यह कहना है केण् खेनजिता का जो नगंथोई के करीबी रिश्तेदार हैं। नगंथोई के परिवार ने आखिरी बार उससे टेकऑफ से कुछ मिनट पहले बात की थी। उसका मैसेज आया था मैं लंदन जा रही हूं। कुछ ही देर में फ्लाइट टेक ऑफ करेगी। शायद कुछ समय तक बात न हो सके। किसे पता था कि ये शब्द शायद उसके आखिरी बन जाएंगे। नगंथोई ने एयर इंडिया में तीन साल पहले ज्वाइन किया था। इम्फाल में आयोजित एक रिक्रूटमेंट ड्राइव में चयन होने के बाद वह मुंबई में बस गई थी। वहां की जिंदगी उसे पसंद आने लगी थी। मगर उसके दिल के एक कोने में हमेशा एक डर पलता था। वो हमेशा कहती थी उसे प्लेन क्रैश से बहुत डर लगता है। कहती थी पता नहीं अगर ऐसा कुछ हो गया तो क्या करेगी। आज उसका वही डर उसके परिवार का सबसे बड़ा दुखद सपना बन गया है। क्रू मेंबर में अपर्णा महाडिक भी शामिल थीं। अपर्णा एनसीपी सांसद सुनील तटकरे की रिश्तेदार हैं। वह तटकरे की चचेरी बहू हैं। महाराष्ट्र एनसीपी प्रमुख सुनील तटकरे ने कहा कि अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के विमान में सवार सीनियर क्रू मेंबर अपर्णा महाडिक मेरी रिश्तेदार हैं। वह मेरी छोटी बहन की बहू हैं। उनका परिवार मुंबई के गोरेगांव में रहता है।

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