क्राइम
पहलगाम हमले के खिलाफ आज जम्मू कश्मीर में बंद का ऐलान, कौन है हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह
पहलगाम हमले के खिलाफ आज जम्मू कश्मीर में बंद का ऐलान, कौन है हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह
सीएन, जम्मू-कश्मीर। पहलगाम के रिसॉर्ट में मंगलवार को हुए आतंकी हमले के विरोध में आज जम्मू-कश्मीर में विभिन्न संगठनों ने बंद का आह्वान किया है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। बंद के आह्वान का समर्थन करते हुए सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा पार्टी अध्यक्ष के निर्देश पर, जेकेएनसी पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए बंद के सामूहिक आह्वान में शामिल है। हम जम्मू-कश्मीर के लोगों से अपील करते हैं कि वे धार्मिक और सामाजिक नेताओं की ओर से आहूत हड़ताल को पूरी तरह सफल बनाएं। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने इस बंद का समर्थन करने की घोषणा की है। उन्होंने जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स और जम्मू बार एसोसिएशन की ओर से आहूत बंद का समर्थन करने की घोषणा की। मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने आज के बंद में शामिल होने का ऐलान किया है। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले ने सबको झकझोरकर रख दिया है। हमला इतना गंभीर था कि इस हादसे में 26 लोगों की जान चली गई। आतंकियों ने मंगलवार की दोपहर देशवासियों को खून से लाल कर दिया है। सेना की वर्दी पहनकर पहुंचे आतंकियों ने टूरिस्ट्स से नाम और धर्म पूछने के बाद उन पर गोलियां बरसा दी, मृत लोगों में राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात आदि के टूरिस्ट्स शामिल हैं। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटे टीआरएफ यानी द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली है। सूत्रों के मुताबिक जम्मू और कश्मीर में लश्कर और टीआरएफ की आतंकी गतिविधियों के पीछे आतंकवादी सैफुल्लाह खालिद का दिमाग है। वो इन हमलों का मास्टरमाइंड है। लश्कर.ए.तैयबा डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद, जिसे सैफुल्लाह कसूरी के नाम से भी जाना जाता है। ये हिंदुस्तान के सबसे बड़े दुश्मन हाफिज सईद का करीबी माना जाता है। भारत में हुए कई बड़े आतंकी हमलों में इसका नाम आता रहा है। ये हमेशा लग्जरी कारों से चलता है। इसकी सुरक्षा में हमेशा लश्कर के आतंकी अत्याधुनिक हथियारों से लैश रहते हैं। पाकिस्तान में इसका रसूख इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां कि सेना के अफसर भी इसके ऊपर फूलों की बारिश करते हैं। ये पाकिस्तानी सेना के जवानों को भड़काने का काम करता है। जानकारी के अनुसार, उसकी उम्र 40-45 वर्ष के बीच मानी जाती है और वह पिछले दो दशकों से जम्मू.कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।
