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नैनीताल

तिब्बतन नया साल लोसर शुरू, बुधवार को मुख्य बौद्ध गुरु ने की पूजा

तिब्बती समुदाय का नया साल लोसर शुरू, बुधवार को मुख्य बौद्ध गुरु ने की पूजा
सीएन, नैनीताल।
तिब्बतन नया साल लोसर का 2150 वां साल सुखनिवास स्थित बौद्ध मठ में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस साल का समृद्धि का सिंबल खरगोश और पानी है बीते रोज 21 फरवरी को 2023 नया साल लोसर का शुभ आगाज हुआ। मंगलवार को सुख निवास तिब्बती समुदाय के लोगों ने सुबह से बौद्ध मठ में जाकर पूजा अर्चना की व एक दूसरे को नए साल शुभकामना दी। मंगलवार को तिब्बती समुदाय के लोगों ने घर-घर जाकर एक-दूसरे को नववर्ष की शुभकामनाएं दी। साथ ही घरों में अनेकों पकवान इत्यादि बनाए गए, बुधवार को लौसर के दूसरे दिन मुख्य बौद्ध गुरु नामगे सोनम, अगए, टेंजिन छेपेले ने पूजा अर्चना कर नैनीताल व विश्व शांति की कामना की इसके साथ ही पारंपरिक परिधान पहने युवक युवतियों ने एक साथ अन्न को हवा में उड़ा कर सुख समृद्धि की कामना की। तत्पश्चात प्रसाद वितरण कर बौद्ध मठ परिसर में पारंपरिक परिधान पहने युवक युवतियाँ ने तिब्बती नृत्य प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। प्रसाद वितरण कर बौद्ध मठ परिसर में पारंपरिक परिधान पहने युवक विरोधियों ने तिब्बती नृत्य प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। वही दूसरे को नववर्ष की शुभकामनाएं तीरिंग टोगेल अध्यक्ष तिब्बती संघर्ष संघटन ने बताया कि लोसर पर्व के अवसर पर 3 दिन तक तिब्बती और भोटिया मार्केट बंद रहेंगी। सुख निवास स्थित बौद्ध मठ में लोसर का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ 3 दिन मनाया जायेगा। इस अवसर पर जरनल सेक्रेटरी टेंजिन गंदेय, यशी वॉन्गदयू, छिरिनग पेगीय, टेंजिन धोयूं आदि मौजूद थे l
कहाँ मनाया जाता है लोसर महोत्सव
लोसार तिब्बती बौद्ध धर्म में एक त्योहार है। स्थान परंपरा के आधार पर विभिन्न तिथियों पर अवकाश मनाया जाता है। लोसर मतलब नया साल। ये फेस्टिवल या तो फरवरी के अंत मे या मार्च के शुरू मे पड़ता है। परंपराओं के अनुसार, 15 दिनों तक चलने वाला यह लोसर उत्सव नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है और लुनीसोलर तिब्बती कैलेंडर के पहले दिन मनाया जाता है। भारत के असम और सिक्किम, जम्मू और कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में, उत्तराखंड, हिमाचल राज्यों में ये त्यौहार मनाया जाता है। लोसर का त्यौहार पारंपरिक और धार्मिक उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह तिब्बती बौद्ध धर्म में आयोजित सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जो तिब्बत, नेपाल, भूटान जैसे अलग-अलग स्थानों पर बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। लोग अपने जीवन में धन, समृद्धि और आनंद के साथ नए साल का स्वागत करने के लिए तैयार हैं। यह त्यौहार सांस्कृतिक कार्यक्रमों, अनुष्ठानों का एक अविश्वसनीय मेलजोल है जो युगों से चला आ रहा है। पर्यटकों के लिए लोसर महोत्सव में भाग लेना जीवन भर का अनुभव बन जाता है। आमतौर पर यह महोत्सव जनवरी और मार्च के महीनों में मनाया जाता है।
यह तिब्बती वर्ष है जल खरगोश का वर्ष 2023
ग्रेगोरियन कैलेंडर विशुद्ध रूप से सौर है, तिब्बती कैलेंडर चंद्र-सौर है। तिब्बती वर्ष में 12 या 13 चंद्र महीने शामिल होते हैं, प्रत्येक एक नए चंद्रमा के साथ शुरू और समाप्त होता है। हर 2 या 3 साल में एक तेरहवां महीना जोड़ा जाता है, जिससे औसत तिब्बती वर्ष एक सौर वर्ष के बराबर हो जाता है। तिब्बती चंद्र कैलेंडर के अनुसार, यह वर्ष जल खरगोश का वर्ष 2023 है। लोसर 2150 आशा का वर्ष होने की भविष्यवाणी की गई है।

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