धर्मक्षेत्र
कुलपूजा व धार्मिक अनुष्ठानों के साथ मनाया नयना देवी का स्थापना दिवस
ब्रह्म मुहूर्त में देवी स्नान, वस्त्र धारण के बाद मां नयना को विधिवत तिलक चंदन लगाया
सीएन, नैनीताल। 51 शक्तिपीठों में से एक नैनीताल के प्रसिद्ध मां नयना देवी मंदिर का 141 वां स्थापना दिवस शनिवार को विविध धार्मिक अनुष्ठानों के साथ मनाया गया। इस दौरान विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया जिसमें सैलानियों सहित सैकड़ों भक्तजनों ने प्रसाद ग्रहण किया। स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित धार्मिक अनुष्ठानों से सरोवर नगरी भक्तिमय बनी रही। श्री मां नयना देवी मंदिर अमर उदय ट्रस्ट के सहयोग से प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में देवी स्नान, वस्त्र धारण के बाद उन्हें विधिवत तिलक चंदन किया गया। जिसके बाद जन्मोत्सव की मुख्य मां नयना से संबंधित की पूजा हुई। कन्या पूजन के बाद महा भंडारा शुरू हो गया। स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित धार्मिक अनुष्ठानों से सरोवर नगरी भक्तिमय बना हुआ है। धार्मिक अनुष्ठानों में मां नयना देवी मंदिर के पुजारियोंने धार्मिक अनुष्ठानों को भक्तिभाव से सम्पन्न कराने में सहयोग दिया। दोपहर बाद संुदरकांड पाठ व भजन कीर्तन का आयोजन शुरू हो गया। अनुष्ठानों को सफल बनाने में मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष राजीव लोचन साह सहित ट्रस्ट के पदाधिकारियों व भीम सिंह कार्की, बृज मोहन जोशी आदि भक्तजनों ने सहयोग दिया। मालूम हो कि वर्तमान मंदिर की स्थापना 1883 में ज्येष्ठ शुक्ल नवमी को स्व. मोती राम साह ने अंग्रेजों से सवा एकड़ भूमि लेकर की थी। पूर्व में यह मंदिर बोट हाऊस क्लब के पास था। 18 सितम्बर 1880 को आल्मा पहाड़ी में हुए भयंकर भूस्खलन के कारण मूल मंदिर ध्वस्त हो गया था। लिहाजा इस मंदिर के अवशेषों को लेकर ज्येष्ठ शुक्ल नवमी कों स्व. शाह ने वर्तमान मंदिर की स्थापना की। स्थापना दिवस के साथ ही नंदा देवी का जन्म भी ज्येष्ठ शुक्ल नवमी को माना जाता है। इस दिन को स्थापना दिवस के रूप में मनाने की परंपरा है। पौराणिक महत्व प्राप्त इस मंदिर गर्भगृह में स्थापित नयना देवी की नेपाली शैली में काले प्रस्तर बनी मूर्ति की साह वंशजों द्वारा विशेष पूजा अर्चना की जाती है।