धर्मक्षेत्र
महाकुंभ : 125 करोड़ आहुति और 11 करोड़ वैदिक मंत्रों से गूंजेगा ब्रह्मांड, आस्था व आकर्षण के केन्द्र बने रुद्राक्ष बाबा
महाकुंभ : 125 करोड़ आहुति और 11 करोड़ वैदिक मंत्रों से गूंजेगा ब्रह्मांड, आस्था व आकर्षण के केन्द्र बने रुद्राक्ष बाबा
सीएन, प्रयागराज। इस महाकुंभ में महंत वशिष्ठ गिरी महाराज चर्चा में हैं। आस्था व आकर्षण के केंद्र बने हुए हैं।वह जूना अखाड़े से हैं। उन्हें रुद्राक्ष बाबा के नाम से जाना जाता है। उन्होंने बताया कि ये श्रृंगार और तपस्या मैं अभी से नहीं कर रहा बल्कि साल 2010 से करता आ रहा हूं। हमें श्रृंगार धारण किए हुए तीन कुंभ हो गए हैं। रुद्राक्ष बाबा ने कहा कि ये रुद्राक्ष बहुत अहम है। पंचमुखी रुद्राक्ष शरीर के पंच तत्वों की ओर इशारा करते हैं। रुद्राक्ष बाबा अपने कंधे तक सवा लाख रुद्राक्ष धारण किए हुए हैं। इनका कहना है कि ये भगवान शिव के आराधक हैं और भगवान शिव के आंसुओं को अपने शरीर पर धारण किए हुए हैं। इससे काफी ज्यादा शांति मिलती है। रिपोर्ट के मुताबिक मौनी बाबा के शिविर में 125 करोड़ आहुति और 11 करोड़ वैदिक मंत्रों का जाप किया जाएगा। इन धार्मिक अनुष्ठानों से संगम नगरी की फिजा धार्मिक उल्लास से गुंजायमान होगी। यह आयोजन आध्यात्मिक अनुभव और महाकुंभ के महत्व को और बढ़ाता है। मीडिया से बात करते हुए मौनी बाबा ने बताया कि शिविर में 12 ज्योतिर्लिंग बनाए गए हैं जो देश की रक्षा, सुरक्षा, भारत के गौरव, आतंकवाद के विनाश और काशी-मथुरा मंदिर के निर्माण के लिए बनाए गए हैं। इन ज्योतिर्लिंगों को बनाने का उद्देश्य देश में हिंदुओं की रक्षा करना और भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था की कामना करना है। आपको बता दें महाकुंभ के दूसरे दिन मकर संक्रांति पर अमृत स्नान के दौरान संगम तट पर 3.50 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मंगलवार को पहले अमृत स्नान पर 3.50 करोड़ से ज्यादा संतों और श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई। माना जाता है कि इससे श्रद्धालुओं को काफी पुण्य होता है।