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नारायण देवल गांव में है भगवान राम का बेहतरीन पुरातन मंदिर

नारायण देवल गांव में है भगवान राम का बेहतरीन पुरातन मंदिर
अशोक पांडे, अल्मोड़ा।
उत्तराखंड में एक से एक सुन्दर प्राचीन मंदिर हैं जिनका सदियों पुराना स्थापत्य आज भी चमत्कृत करता है। ऐसा ही एक मंदिर समूह अल्मोड़ा जिले के एक छोटे से गाँव नारायण देवल में है श्अल्मोड़ा जिले के भैंसियाछाना ब्लॉक में नारायण देवल पंचायत का हिस्सा है नारायण देवल गाँव। अल्मोड़ा नगर से पूर्व दिशा में आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस गाँव को जाने के लिए अल्मोड़ा.जागेश्वर मार्ग में पड़ने वाली पेटशाल नामक छोटी सी बसासत से एक कच्ची.पक्की सड़क जाती है। भैंसियाछाना से इसकी दूरी कुल 13 किलोमीटर है। नारायण देवल के आसपास गोल देवता का विख्यात चितई मंदिर, स्याल, सिराड़ बिन्तोला और पेटशाल जैसे स्थान हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक इस गाँव में कुल सात परिवार रहते हैं और इसकी कुल आबादी है मात्र बाईस। ऊपर लिखी सूचना एक सरकारी वेबसाईट से ली गयी है। यह वेबसाईट आपको यह नहीं बताती कि नारायण देवल में न सिर्फ भगवान राम का एक विलक्षण प्राचीन मंदिर है बल्कि यह भी कि देवी भगवती की स्मृति में निर्मित दर्जनों संरचनाएं भी हैं। भगवान राम का यह मंदिर नागरा शैली में बना है जिसकी छाप कुमाऊँ के अनेक प्राचीन मंदिरों में देखी जाती है। अनुमानतः यह मंदिर भी नवीं से बारहवीं शताब्दी के दौरान अस्तित्व में आया होगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के नियंत्रण में लाये जा चुके इस मंदिर की देखभाल के लिए एक पुजारी नियुक्त किया गया है जिसे नाममात्र का पारिश्रमिक मिलता है। मंदिर के भीतर बेहद मूल्यवान पुरातन प्रतिमाएं हैं जो देखरेख के अभाव में धीरे.धीरे जर्जर हो रही हैं।गांव में घूमने पर आपको सिर्फ महिलाएं और बच्चे ही नजर आते हैं। बाकी के पहाड़ी गाँवों की तरह यहाँ भी पलायन का दंश साफ.स्पष्ट दिखाई देता है। हमने कुछ समय पूर्व आपको बमनस्वाल के ऐसे ही एक और मंदिर.समूह की बाबत बताया था। पर्यटन के नाम अरबों फूंकने वाली हमारी सरकारें हमारी मूल्यवान विरासत को लेकर कितना चिंतित हैं यह देखना हो तो एक चक्कर नारायण देवल का लगा आइये। 

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