धर्मक्षेत्र
नवरात्रि में छठे दिन करें मां कात्यायनी की पूजा : होगी अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति
नवरात्रि में छठे दिन करें मां कात्यायनी की पूजा : होगी अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति
सीएन, नैनीताल। नवरात्रि में छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। इनकी उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है। उसके रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाते हैं। जन्मों के समस्त पाप भी नष्ट हो जाते हैं। आज 14 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का छठा दिन है। आज मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा करते हैं। मां कात्यायनी साहस और पराक्रम प्रदान करती हैं। आज मां कात्यायनी की पूजा के दिन चार शुभ योग आयुष्मान योग, सौभाग्य योग, अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बने हैं। आज का दिन मनोकामनाओं की पूर्ति के अच्छा है। कात्यायन ऋषि ने मां दुर्गा को अपनी भक्ति से प्रस्नन किया और उनको अपनी पुत्री के रूप में प्राप्त करने का वरदान मांगा था। उसके परिणाम स्वरूप मां दुर्गा कात्यायन ऋषि के यहां प्रकट हुईं। कात्यायन ऋषि के नाम से उनका नाम मां कात्यायनी पड़ा। मां कात्यायनी की आराधना करने से यश और कीर्ति में वृद्धि होती है। कठिन कार्यों में कामयाबी हासिल होती है। मां कात्यायनी की कृपा से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता आती है। शुत्रओं पर विजय प्राप्त होती है।
मां कात्यायनी के मंत्र
बीज मंत्रः क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नमः
पूजा मंत्रः मां देवी कात्यायन्यै नमः
स्तुति मंत्ररू: या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
मां कात्यायनी की पूजा विधि
चार भुजाओं वाली मां कात्यायनी को अक्षत्, फूल, सिंदूर, धूप, नैवेद्य, वस्त्र, दीप, गंध आदि चढ़ाएं। मां कात्यायनी को लाल रंग के फूल प्रिय हैं और उनको शहद का भोग पसंद है। पूजा में शहद का भोग लगाएं। इस दौरान पूजा मंत्र का उच्चारण करें। मां कात्यायनी की कथा का श्रवण करें। उसके बाद मां कात्यायनी की विधिपूर्वक आरती करें।