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बेहद संभलकर पढ़ें दुर्गा सप्तशती का पाठ,  समय कम है तो भी कर सकते हैं मां की स्तुति

बेहद संभलकर पढ़ें दुर्गा सप्तशती का पाठ,  समय कम है तो भी कर सकते हैं मां की स्तुति
सीएन, हरिद्वार।
दुर्गा सप्तशती का पाठ  मां दुर्गा का सबसे शक्तिशाली पाठ माना जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार दुर्गा सप्तशती का अनुष्ठान पूर्वक पाठ करने से अभीष्ट फल अवश्य प्राप्त होता है। यह पाठ देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की महिमा का वर्णन करता है और इसे विधि पूर्वक करने से इच्छित फल की प्राप्ति होती है। दुर्गा सप्तशती का पाठ करने के कुछ खास नियम और विधियां होती हैं जिन्हें पालन करना चाहिए। पाठ करने से पहले स्नान करके शारीरिक और मानसिक रूप से शुद्ध हो जाएं। स्वच्छ वस्त्र पहनें और अपने आसन तथा पाठ स्थान को भी शुद्ध रखें। पाठ से पहले देवी दुर्गा के सामने संकल्प लें। अपने मन में कोई भी इच्छा हो तो उसे देवी के चरणों में निवेदन करें। पाठ को एक पवित्र और साफ स्थान पर किया जाना चाहिए, जहां शांति हो। पूजा स्थल पर मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर रखें और उसे फूल, अक्षत, दीप और धूप से पूजित करें। दुर्गा सप्तशती का पाठ उत्तर.पूर्व दिशा की ओर मुख करके करना शुभ माना जाता है। आप कंबल या ऊनी आसन का प्रयोग कर सकते हैं जिससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। दुर्गा सप्तशती में कुल 700 श्लोक होते हैं और इसे तीन मुख्य भागों में विभाजित किया गया है, प्रथम चरित्र, मध्यम चरित्र और उत्तम चरित्र। पाठ की शुरुआत में अर्गला स्तोत्र, कीलक स्तोत्र और कवच का पाठ करना चाहिए। इसके बाद दुर्गा सप्तशती के सभी अध्यायों का नियमित रूप से पाठ करें। प्रत्येक अध्याय के अंत में देवी की आरती और पुष्पांजलि अर्पित करें। दुर्गा सप्तशती का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन सबसे शुभ समय सुबह ब्रह्म मुहूर्त 4 से 6 बजे के बीच माना जाता है। इसके अलावा संध्या समय भी उपयुक्त है। पाठ के दौरान बीच.बीच में देवी के मंत्रों का जाप करें। जैसे-ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। यह मंत्र पाठ को और अधिक प्रभावी बनाता है। दुर्गा सप्तशती का पाठ एक बार शुरू करने के बाद नियमित रूप से 7, 9 या 11 दिनों तक करना चाहिए। अगर समय नहीं है, तो आप तीन दिन या नवरात्रि के नौ दिनों तक इसे कर सकते हैं। अगर पूरा सप्तशती पाठ संभव नहीं हो तो आप कुछ विशेष अध्याय भी पढ़ सकते हैं। जैसे संकट मोचन के लिए मध्यम चरित्र का पाठ करना अत्यधिक फलदायी होता है। दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से जीवन के सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं और देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। यह पाठ व्यक्ति को मानसिक शारीरिक और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है और जीवन में साहस और आत्मविश्वास बढ़ाता है। दुर्गा सप्तशती का पाठ व्यक्ति के जीवन में धन, ऐश्वर्य और समृद्धि लाता है और सभी बाधाओं को समाप्त करता है। यह पाठ करने से व्यक्ति नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रहता है और सभी प्रकार की बुरी नजर और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। दुर्गा सप्तशती का पाठ नियमपूर्वक और श्रद्धा के साथ करने से माता दुर्गा की कृपा बनी रहती है और जीवन में सुख.समृद्धिए शांति और उन्नति प्राप्त होती है।

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