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आज मंगलवार 9 अप्रैल 2024 से नया विक्रम संवत 2081 होगा प्रारंभ, विक्रम संवत का नाम क्रोधी

आज मंगलवार 9 अप्रैल 2024 से नया विक्रम संवत 2081 होगा प्रारंभ, विक्रम संवत का नाम क्रोधी
-हिंदू नव वर्ष की विशेषता: वर्ष के पहले दिन चैत्र नवरात्रि पर्व हो जाता है शुरू
सीएन, हरिद्वार।
मंगलवार 9 अप्रैल 2024 से नया विक्रम संवत 2081 प्रारंभ हो जाएगा यानी नए हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होगी। ज्योतिष में नए संवत्सर यानी नए हिंदू नव वर्ष की सबसे ज्यादा भूमिका होती है और इसी के आधार पर देश काल के बारे में भविष्यवाणी की जाती है। गणना की जाती हैं। किस राशि के लिए नया हिंदू नव वर्ष कैसा रहने वाला है यह बताया जाता है। इसका आकलन किया जाता है। उन राशियों के बारे में भी जानें जो हिंदू नव वर्ष की भाग्यशाली राशियां रहने वाली हैं यानी 9 अप्रैल से जो नया विक्रम संवत शुरू हो रहा है, वह कौन सी राशियों के लिए शानदार तोहफा लेकर आ रहा है। नए वर्ष के आकाशीय मंत्रिमंडल के राजा कौन है, मंत्री कौन हैं और नए हिंदू नव वर्ष की शुरुआत किन शुभ योगों में हो रही है।नव वर्ष दो तरह से मनाया जाता है। जो अंग्रेजी कैलेंडर होता है उसके हिसाब से 1 जनवरी को नए साल की शुरुआत होती है लेकिन सनातन धर्म में नए विक्रमी संवत से नए साल की शुरुआत होती है। इसे हिंदू नव वर्ष भी कहा जाता है। जो ग्रेगोरियन कैलेंडर होता है उसमें नया साल 1 जनवरी से शुरू होता है लेकिन सनातन धर्म में विक्रम संवत का पालन किया जाता है और विक्रम में संवत में तिथि को चंद्रमा की चाल पर निर्धारित किया जाता है। हिंदू कैलेंडर का पहला दिन चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन पड़ता है और इस दिन से नए हिन्दू नव वर्ष की शुरुआत होती है। वैदिक पंचांग के अनुसार 9 अप्रैल को मंगलवार के दिन नए हिंदू नव वर्ष की शुरुआत हो रही है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का शुभारंभ 8 अप्रैल रात्रि 11.52 पर होगा और 9 अप्रैल को रात 8.33 पर समाप्त हो जाएगा इसलिए उदय तिथि के मुताबिक नए संवत्सर मंगलवार 9 अप्रैल को शुरू होगा और इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग नामक दो बेहद शुभ योग रहने वाले हैं। मंगलवार के दिन नए विक्रम संवत की शुरुआत हो रही है इसलिए इस विक्रम संवत के स्वामी मंगल होंगे। मंगल की वजह से हिंदू नव वर्ष काफी अग्रेसिव भी होने वाला है क्योंकि मंगल साहस, पराक्रम, सेना, प्रशासन, सिद्धांत आदि के कारक ग्रह हैं। राजा मंगल और शनि मंत्री होने की वजह से यह वर्ष काफी उथल.पुथल वाला रहेगा और शासन में कड़ा अनुशासन देखने को मिलेगा। साथ ही देश दुनिया में ऐसी कई घटनाएं हो सकती है, जिससे सभी सरप्राइज और हैरान हो सकते हैं। नए विक्रम संवत 2081 का नाम क्रोधी रहेगा। पंचांग भेद से इसका नाम कालयुक्त है। इस वर्ष ग्रहों के दशाधिकार में 7 विभाग क्रूर ग्रहों को और 3 विभाग शुभ ग्रहों को मिले हुए हैं। मंगल के राजा और शनि के मंत्री होने से यह वर्ष बहुत ही उथल.पुथल वाला रहेगा। शास्त्रों में बताया गया है कि विक्रम संवत्सर के प्रथम दिन सृष्टि की उत्पत्ति हुई थी और इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की शुरुआत की थी। भगवान श्री राम ने इसी दिन बाली का वध किया था। विक्रमादित्य ने अपने नाम से संवत्सर की शुरुआत भी चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को ही की थी और यही वजह है कि हिंदू नव वर्ष को विक्रमी संवत्सर भी कहा जाता है। हिंदू नव वर्ष की विशेषता यह भी है कि वर्ष के पहले दिन चैत्र नवरात्रि पर्व शुरू हो जाता है। इस बार तो सूर्य ग्रहण भी एक दिन पहले लग चुका होगा और सूर्य ग्रहण के अगले दिन ही नया विक्रमी संवत शुरू हो रहा है।

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