धर्मक्षेत्र
कल 5 मई को लगेगा इस साल का पहला उपछाया चंद्र ग्रहण, चार राशियों पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
कल 5 मई को लगेगा उपछाया चंद्र ग्रहण, चार राशियों पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
सीएन, प्रयागराज। 5 मई 2023 शुक्रवार के दिन वर्ष का पहला उपछाया चंद्र ग्रहण है। भारतीय समय अनुसार रात्रि 8.45 पर पहला चंद्र ग्रहण लगेगा जो रात्रि करीब 1 बजे समाप्त होगा। भारत में आंशिक या उपच्छाया चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होता है। इस बार उपछाया चंद्र ग्रहण लगने वाला है। इस तरह के चंद्र ग्रहण में चंद्रमा का रंग मलिन हो जाता है। इस ग्रहण में चंद्रमा का भाग कटा हुआ नजर नहीं आता है। इसमें पृथ्वी की सीधी छाया चंद्र पर नहीं पड़ती है। इसमें चंद्रमा धुंधला नजर आता है, इसी खगोलीय घटना को उपछाया चंद्र ग्रहण कहते हैं। भारत में चंद्र ग्रहण नजर नहीं आएगा। पंचांग के अनुसार साल 2023 का दूसरा चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर रविवार को रात में 01.06 बजे शुरू होगा और 02 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा। यानी भारत में ग्रहण की अवधि करीब 01 घंटे 16 मिनट तक रहेगी। बता दें कि यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। ऐसे में इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल भी मान्य होगा। साल 2023 के अंतिम चंद्र ग्रहण का सूतक काल शाम 4 बजे से शुरू होगा।
चार राशियों पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
मेष राशि-आपकी राशि पर चंद्र ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव होने की संभावना है। आपको सतर्क रहना होगा। इस दौरान आपका मन अशांत रहेगा और इसके कारण आप घबराहट में गलत निर्णय ले सकते हैं। आपको अपनी सेहत का भी ध्यान रखना होगा। आर्थिक नुकसान हो सकता है। हनुमानजी की पूजा करना चाहिए।
वृषभ राशि-आपको सलाह दी जाती है कि आप वाद विवाद से बचकर रहे। ग्रहण के कारण मन में उग्रता आ सकती है। पारिवारिक जीवन में उथल पुथल हो सकती है, जिसके चलते मानसिक तनाव और अशांति उत्पन्न हो सकती है। महालक्ष्मी की पूजा करना चाहिए।
कर्क राशि-आपकी राशि पर भी चंद्र ग्रहण का नकारात्मक असर के चलते नौकरी में आपको चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। आपका मन पहले की अपेक्षा अधिक अशांत रहने वाले है। सेहत का ध्यान रखना होगा। कर्क राशि के जातकों को इस दौरान भगवान शिव की पूजा करना चाहिए।
सिंह राशि-चंद्र ग्रहण के कारण आपको ज्यादा सतर्क रहना होगा। हर निर्णय को सोच समझ कर लें अन्यथा नुकसान उठाना पड़ सकता है। अपने क्रोध पर काबू रखें और परिवार का भी विशेष ध्यान रखें। किसी से भी झगड़ा न करें। आपको श्री हरि विष्णु जी की पूजा करना चाहिए।
जब चंद्रमा पृथ्वी की पेनुम्बरा पर घूमता है तब लगता है उपच्छाया ग्रहण
उपच्छाया चंद्र ग्रहण खास होता है। इस तरह का ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी की बाहरी छाया, जिसे पेनुम्बरा कहते हैं, पर घूमता है। इससे पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य एक सीध में दिखाई नहीं देते हैं। पृथ्वी सूर्य को पूरी तरह ढक देती है जिससे चंद्रमा पर काली छाया पड़ जाती है।
चंद्र ग्रहण की धार्मिक मान्यता
चंद्र ग्रहण की अत्यधिक धार्मिक मान्यता होती है। माना जाता है कि चंद्र ग्रहण से नौ घंटों पहले से सूतक काललग जाता है। यह समय अशुभ कहा जाता है और लोगों को इस समयावधि में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं घर से बाहर न निकलें। उन्हें ग्रहण के दिन घर पर ही अपना अच्छे से ध्यान रखना चाहिए।.ग्रहण के दौरान खाना खाना भी वर्जित होता है ऐसे में इस दौरान गर्भवती महिला को खाना खाने और खाना बनाने से भी परहेज करना चाहिए। चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं सोए नहींण् ग्रहण के समय सोना वर्जित माना जाता है। इस दिन सोने की वजाय बैठकर भगवान का ध्यान करें।. गर्भवती महिलाएं चंद्र ग्रहण के दिन चंद्र दर्शन से भी बचे। ऐसा करने से मां और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
ग्रहण समाप्त होने के बाद क्या करें
ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान अवश्य करना चाहिए। जब ग्रहण समाप्त हो तो पानी में गंगा जल डालकर स्नान करें। ऐसा करने से मां और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों से ग्रहण के दोष हट जाते हैं। ग्रहण के बाद गर्भवती महिला को अपने हाथ से सफेद चीज का दान करना चाहिए। महिलाएं चीनी, चावल आटा आदि का दान कर सकती है।
