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धर्मक्षेत्र

खरमास : सूर्य के राशि परिवर्तन के बाद 18 तारीख से फिर शादियों का दौर शुरू होंगे

सीएन, हरिद्वार। 13 अप्रैल 2024 को सूर्य के राशि परिवर्तन के बाद 18 तारीख से फिर शादियों का दौर शुरू हो जाएगा. खरमास (Kharmas) खत्म होते ही विवाह, देव प्रतिष्ठा, नए घर का निर्माण, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य 14 अप्रैल के बाद शुरू होंगे. 14 मार्च से लगे खरमास की समाप्ति 13 अप्रैल को रही है, जिसके बाद मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे. सूर्य के मीन राशि में आने के बाद मीन मास चल रहा था, खरमास होने के कारण पिछले एक महीने से हर तरह के मांगलिक कामों पर रोक लगी हुई थी लेकिन अब जल्दी ही फिर से शहनाईयां गूंजेंगी. ज्योतिष ग्रंथों में कहा गया है कि जब सूर्य मीन राशि में रहता है तब इन दिनों में किसी भी तरह के शुभ काम नहीं करने चाहिए. इस दौरान सिर्फ जप, तप और स्नान-दान करना चाहिए. खरमास यानी मीन मास खत्म हो जाने से 16 संस्कार और अन्य शुभ काम किए जा सकते हैं. शुभ मुहूर्त और शुभ दिन में अन्नप्राशन, नामकरण, चूड़ाकर्म, विद्यारंभ और अन्य शुभ काम किए जा सकते हैं. सूर्य के मेष राशि में आते ही गृह प्रवेश और विवाह के भी मुहूर्त रहेंगे. अप्रैल में शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए केवल 10 दिन ही मिलेंगे. इसमें 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 25, 26 और 28 अप्रैल की तारीख विवाह के लिए बेहद ही शुभ हैं. विवाह मुहूर्त में गुरु और शुक्र अस्त का भी विचार किया जाता है. अच्छा शुक्र भोग विलास का कारक है और दांपत्य सुख को दर्शाता है. वहीं, गुरु कन्या के लिए पति सुख का कारक है दोनों ग्रहों का शुभ विवाह हेतु उदय होना शास्त्र सम्मत है, विवाह के लिए शुक्र और गुरु ग्रह का उदित रहना जरूरी ह. दोनों ग्रह विवाह के कारक हैं. इनके अस्त रहने पर विवाह नहीं होते हैं. 23 अप्रैल 2024 को शुक्र ग्रह दोपहर में अस्त हो जाएगा, जो 29 जून तक अस्त रहेगा. 6 मई से गुरु ग्रह भी अस्त हो जाएगा, जो 2 जून को उदित होगा, लेकिन शुक्र अस्त ही रहेगा इस कारण से मई और जून माह में विवाह की शहनाई नहीं बजेंगी. शादी के सबसे कम मुहूर्त सिर्फ 5- 5 दिन अप्रैल और अक्टूबर में होंगे. साल 2000 में भी मई और जून मे शुक्र-गुरु ग्रह के अस्त रहने पर विवाह मुहूर्त नहीं थे. इससे भी पहले 1996 में मई से जुलाई के बीच इन तीन माह में केवल 5 दिन मुहूर्त निकले थे. पंचांग अनुसार सालभर में कुछ ऐसी तिथियां और दिन होते हैं जिनमें बिना विचार किए शुभ काम कर सकते हैं. इन मुहूर्त में किए गए काम हमेशा शुभ फल देने वाले होते हैं. मीन मास खत्म होते ही पहला अबूझ मुहूर्त अक्षय तृतीया 10 मई को रहेगा. इस दिन गृह प्रवेश, संपत्ति एवं वाहन खरीदी, विवाह, वाग्दान यानी सगाई, रोका, मुंडन, यज्ञोपवित सहित अन्य शुभ संस्कार किए जा सकते हैं. इनके साथ ही नौकरी, बिजनेस या किसी शुभ काम की शुरुआत भी की जा सकती है. विवाह और सगाई जैसे मांगलिक कार्यों के लिए अबूझ मुहूर्त को शुभ माना जाता है. अगर किसी के विवाह की तारीख नहीं निकल पा रही है या फिर किसी कारण से शुभ मुहूर्त वाले दिन विवाह करना संभव ना हो तो अबूझ मुहूर्त में भी विवाह किया जा सकता है. धर्मग्रंथों के अनुसार अक्षय तृतीया, बसंत पंचमी और देव प्रबोधिनी एकादशी को अबूझ मुहूर्त माना गया है.

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