धर्मक्षेत्र
हर घर में क्यों पैदा नहीं होती बेटियां, भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को बताया था इसका कारण……..
हर घर में क्यों पैदा नहीं होती बेटियां, भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को बताया था इसका कारण……..
सीएन, हरिद्वार। हिंदू धर्म में बेटियों को लक्ष्मी का रूप कहा जाता है। हालांकि बहुत से ऐसे लोग है जो आज भी बेटियों को बोझ समझते हैं। पौराणिक समय में बेटियों को बहुत अधिक सम्मान दिया जाता था। गरुड़ पुराण की एक विशेष कथा से इस बात का पता चलता है कि बेटियां किन घरों में जन्म लेती हैं। गरुड़ पुराण की एक कथा के अनुसार अर्जुन भगवान श्रीकृष्ण से पूछते हैं कि किस कर्म के कारण किसी के घर में पुत्री का जन्म होता है। अर्जुन का यह प्रश्न इस विचार से था कि बेटियां लक्ष्मी का रूप होती हैं और लक्ष्मी केवल सौभाग्यशाली घरों में ही आती हैं। अर्जुन इस बात को जानना चाहते थे कि आखिर भगवान ऐसे घरों को कैसे चुनते हैं, जहां बेटियों का जन्म होता है। श्रीकृष्ण मुस्कुराते हुए अर्जुन को कहते हैं कि बेटियों का जन्म सौभाग्य का प्रतीक है। जो माता पिता अपने पिछले जन्म में अच्छे कर्म करते हैं उन्हें अगले जन्म में बेटी की प्राप्ति होती है। फिर श्री कृष्ण बोले अर्जुन! अगर किसी के घर पुत्र का जन्म होता है तो वह उसका भाग्य है लेकिन अगर किसी के घर पुत्री का जन्म होता है तो वह उसके लिए सौभाग्य की बात है। बेटे अगर भाग्य से मिलते हैं तो बेटियां सौभाग्य वालों को ही मिलती हैं। जो स्त्री.पुरुष अपने पूर्वजन्म में अच्छे कर्म करते है उन्हें ही बेटी के माता.पिता होने का सौभाग्य मिलता है। आगे श्री कृष्ण कहते हैं, बेटियों के जन्म के लिए ऐसे घरों को ही ईश्वर चुनते हैं, जो बेटियों का भार सहन कर सकें। परमात्मा जानते हैं कि धन होते हुए भी कुछ लोग ऐसे होते हैं जो बेटियों का भार सह नहीं सकते। जबकि कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो गरीब होते हुए भी बेटियों को बड़े ही प्रेम से पाल सकते हैं। सृष्टि के रचियता पहले से ही जानते रहते हैं कि कौन बेटियों के लिए अच्छे माता.पिता हो सकते हैं। श्री कृष्ण अर्जुन से आगे कहते हैं, पार्थ वह बेटियां ही है जो इस सृष्टि को चलाती हैं। जिस दिन इस सृष्टि में बेटियों का जन्म लेना बंद हो जाएगा, उस दिन ये सृष्टि रुक जाएगी। फिर कुछ ही दिनों में इस सृष्टि का विनाश हो जाएगा। वह बेटियां ही हैं जो पुत्री के रूप में माता-पिता को सबसे ज्यादा प्यार देती हैं। फिर जब वह शादी के बाद ससुराल जाती है तो, वहां बहु और पत्नी के रूप में अपना प्रेम बांटती हैं। उसके बाद जब वह मां बनती हैं तो अपने बच्चे पर सर्वश्व लुटा देती हैं। बेटा तो एक कुल चलाता है लेकिन बेटियां दो कुलों का नाम रोशन करती हैं। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मृत्यु के बाद आत्मा को उसके कर्मों के हिसाब से दूसरा जन्म मिलता है। जो लोग मृत्यु के समय भी महिलाओं के बारे में ही सोचते रहते हैं, उनका अगला जन्म स्त्री योनि में होता है। इतना ही नहीं यदि कोई पुरुष, मनुष्य जीवन में स्त्रियों को सताता है या परेशान करता है तो वो भी अगले जन्म में स्त्री बनता है।