आपदा
चक्रवात बिपरजोय ने असर दिखाना किया शुरू, कच्छ में 12000 से ज्यादा खंभे उखड़े
चक्रवात बिपरजोय ने असर दिखाना किया शुरू, कच्छ में 12000 से ज्यादा खंभे उखड़े
सीएन, कच्छ। चक्रवात तूफान बिपरजोय ने जमीन पर टकराने से पहले ही अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, गुजरात के कच्छ इलाके में तूफान से पहले चलने वाली जोरदार हवाओं के कारण करीब 12000 से ज्यादा खंभे गिर चुके हैं। इतना ही नहीं जिले के करीब 87 गांवों की बिजली भी काट दी गई। मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवात 6 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के कच्छ और सौराष्ट्र के तट की तरफ बढ़ रहा है और ये महातूफान आज शाम 5 से 6 बजे करीब जमीन से टकरा सकता है। मौसम विभाग के अनुसार,चक्रवाती तूफान बिपरजॉय 15 जून की शाम 5 से 6 बजे तक जखाऊ बंदरगाह के नजदीक सौराष्ट्र और कच्छ से टकराने वाला है। इस कारण मुंबई में ऊंची लहरें दिखाई देंगी। द्वारका के गोमती घाट पर हाई टाइड देखा गया है। चक्रवात से निपटने के लिए गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने एक उच्च स्तरीय बैठक भी बुलाई है। किसी बड़ी तबाही से निपटने को लेकर एनडीआरएफ की 21 और एसडीआरएफ की 13 टीमों को तैनात किया गया है। यहां से हजारों लोगों को सुरक्षित पहुंचाने का प्रयास हो रहा है। पश्चिमी रेलवे की ओर से एक बयान सामने आया है। इसके लिए एक वॉर रूम तैयार किया गया है। इसके लिए निगरानी रखी जा रही है। करीब 2500 कार्य बल, आरपीएफ के जवान मौके पर पहुंच चुके हैं. इसके साथ 69 ट्रेन रद्द होने के साथ 30 ट्रेनें शॉर्ट टर्मिनेट कर दी गई हैं। वीरमगाम, राजकोट, ओखा आदि जो सबसे अधिक प्रभावित इलाके हैं, वहां पर हमने माल गाड़ी को रद्द कर दिया है। कांडला पोर्ट की ओर से बयान सामने आया है कि पोर्ट का विस्तार किया जा रहा है। इसे पूरी तरह से खाली कर दिया गया है। यहां पर 1500-2000 लोग रहा करते हैं. सभी को गोपालपुर और गांधीधाम के शरण स्थल में भेजा गया है। कुछ लोगों को गांव पहुंचाने के लिए बस की व्यवस्था की गई है। यहां पर कोई जनहानि नहीं हुई है। चक्रवात ‘बिपरजॉय’ को लेकर गुजरात के जिला प्रशासन द्वारा सभी जिलों में नियंत्रण कक्ष तैयार किए गए हैं। टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1077 पर कॉल करके पूछताछ की जा सकती है। गुजरात के प्रभावित जिलों से अब तक 20 हजार से अधिक लोगों को निकाला गया है। जूनागढ़ जिले में 500, कच्छ में 6,786, जामनगर में 1,500, पोरबंदर में 543, द्वारका में 4,820, गिर-सोमनाथ में 408, मोरबी में 2,000 और राजकोट में 4,031 लोग सुरक्षित स्थानों पर गए हैं। चक्रवात बिपारजॉय का असर राजस्थान में 15 जून से दिखना आरंभ होगा। यह असर 12 जिलों में देखा जाएगा। मौसम विभाग ने इस संबंध में चेतावनी भी दी है। चक्रवात की तीव्रता के मद्देनजर रेलवे ने राजस्थान से गुजरात के पोरबंदर, भुज, ओखा और गांधीधाम जाने वाली एक दर्जन ट्रेनों का परिचालन आंशिक यह पूर्ण रूप से रोक दिया। मौसम विभाग के अनुसार, यह चक्रवात बुधवार शाम या 15 जून की सुबह गुजरात और पाकिस्तान से टकराने वाला है। मौसम विभाग के मुताबिक, गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिलों में 15 जून को 20 सेमी से अधिक बारिश हो सकती है। इससे निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है। द्वारका से 4700 से ज्यादा लोगों को निकाला गया। केंद्रीय मंत्री रूपाला जगत मंदिर में भगवान द्वारकाधीश पहुंचे। तूफान के खतरे को टालने के लिए भगवान से विशेष आराधना की। ओखा बंदरगाह पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की एक-एक टीम को बुलाया गया है। करीब 250 लोगों को अस्थायी निवास में रखा गया है। पर्यटकों के साथ स्थानीय आबादी को गोमती घाट, शिवराजपुर समुद्र तट, बेट द्वारका और तट की कई अन्य जगहों परे जाने की अनुमति नहीं होगी। केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया के अनुसार, कच्छ में अब तक आठ हजार लोगों को निकाल लिया गया। इन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है।