आपदा
उत्तरकाशी ज़िले के धराली के गांवों में बादल फटने से तबाही, आधा दर्जन लोगों की मौत, 50 से अधिक लोग लापता, कुमाऊं में दर्जनों मार्ग बंद, बुधवार को भी भारी बारिश की संभावना
सीएन, उत्तरकाशी/नैनीताल। उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले के धराली के ऊंचाई वाले गांवों में मंगलवार को बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई, जिससे कई घर क्षतिग्रस्त हो गए या पानी में बह गए. स्थानीय लोगों के मुताबिक, इस घटना में करीब आधा दर्जन लोगों की मौत हो गई है और 50 से ज़्यादा लोग लापता हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि खीर गंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में बादल फटने की घटना हुई, जिसके बाद विनाशकारी बाढ़ आई. इस आपदा के कारण पानी और मलबे का एक ऐसा सैलाब उमड़ पड़ा, जिससे पूरा इलाका जलमग्न हो गया और कई एजेंसियों को इमरजेंसी राहत अभियान चलाना पड़ा. प्रभावित क्षेत्र गंगोत्री धाम के पास स्थित है. पर्यटकों द्वारा रिकॉर्ड किए गए विजुअल्स में पहाड़ियों से एक तेज़ धारा बहती हुई दिखाई दे रही है, जो कई घरों और वनस्पतियों को बहा ले जा रही है. अभी रात्रि होने के कारण रेस्क्यू अभियान रोक दिया गया है. प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा है. अभी जनहानि कितनी हुई है इसका ठीक आकलन किया जा रहा है. मंगलवार को उत्तराखंड के अल्मोडा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, नैनीताल, पिथौरागढ, रूद्र प्रयाग, उधम सिंह नगर, उत्तर काशी में अलग-अलग स्थानों पर यथा-जानकी चट्टी, पुलम सुमड़ा, पुरोला, बाराहाट रेंज, चिन्यालीसौड़, बद्रीनाथ, केदारनाथ, कर्णप्रयाग, लोहाघाट, डीडीहाट, मुनस्यारी, रुद्रपुर खटीमा, जसपुर और इनके आस पास के इलाकों मे भारी वर्षा व तीव्र से बहुत तीव्र वर्षा तथा बिजली के साथ गरज के साथ तूफान आने की बहुत संभावना है. मौसम विभाग ने अगले तीन घंटों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. 6 बजे से रात 8 बजे तक रेड अलर्ट जारी रहेगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना को लेकर दुख जताते हुए अधिकारियों को राहत व बचाव के निर्देश दिये हैं. वह इस घटना की लगातार अपडेट ले रहे हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, उत्तराखंड के धराली (उत्तरकाशी) क्षेत्र में बादल फटने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना अत्यंत दुःखद एवं हृदय विदारक है. भगवान बदरी विशाल जी से इस दुर्घटना में प्रभावित लोगों के सकुशल होने की प्रार्थना की है। उत्तरकाशी ज़िले ने बार-बार विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं का दंश झेला है, जिनमें सबसे प्रमुख है बार-बार बादल फटना. ऐतिहासिक अभिलेखों के मुताबिक, 1978 में भागीरथी नदी पर डबरानी के पास और 1984 में ज्ञानसू नाला में बादल फटने से भारी क्षति हुई थी. अक्टूबर 1991 में आए भीषण भूकंप में 750 से 1000 लोगों की जान चली गई और हज़ारों घर तबाह हो गए, इधर मौसम विभाग ने बुधवार को भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। कुमाऊं में लगातार बारिश के कारण हल्द्वानी शहर पूरी तरह जलमग्न हो गया है. गौला नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. प्रशासन ने नदी किनारे रह रहे लोगों से एहतियात बरतने व स्थान छोड़ने को कहा है. उधर अल्मोड़ा की क्वारब में भूस्खलन होने से मार्ग यातायात के लिए बंद हो गया है. भूस्खलन के कारण कुमाऊं के दर्जनों मार्ग बंद हो गये हैं.
