आपदा
उत्तराखंड : सुबह तड़के थरथर कांपी धरती, दहशत में घरों से निकले लोग
उत्तराखंड : सुबह तड़के थरथर कांपी धरती, दहशत में घरों से निकले लोग
सीएन, पिथौरागढ़। आज सवेरे भूकंप के झटके महसूस किये गए। उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में आज सवेरे भूकंप के झटके महसूस किए गए इसकी गहराई 10 किलोमीटर बताई गई है। जानकारी के मुताबिक भूकंप सवेरे 5 बजकर 1 मिनट पर आया और इसकी जमीन में गहराई 10 किलोमीटर बताई गई है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया है कि इससे पहले जनवरी में भी उत्तर-उत्तरपश्चिम पिथौरागढ़ में 4.2 की तीव्रता का भूकंप आया था। आज आए भूकंप की वजह से लोगों में सुबह सुबह दहशत फैल गयी। कई लोग जिन्हें झटके महसूस हो वो घरों से बाहर निकल आए और दूसरे लोगों को भी आगाह किया।
उत्तराखंड में हो रहा है बड़ा बदलाव
भूकंप कब और कहां आ जाये इसकी भविष्यवाणी नही की जा सकती है। लेकिन भारत के हिमालयी राज्य भूकंप के लिए अतिसंवेदनशील है। ऐसा वैज्ञानिको के अध्ययन से पता चलता है। उत्तराखंड भी ऐसे ही राज्यों में शुमार है। राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान हैदराबाद के वैज्ञानिकों के मुताबिक उत्तराखंड में बड़े भूकंप की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। यहां हर साल टेक्टॉनिक प्लेट के 18 मिमि तक खिसकने से ऊर्जा भूमि के अंदर संचित हो रही है। भूमि के अंदर लगातार हो रही हलचल पर नजर रखने की वैज्ञानिक कोशिश कर रहे हैं। इसी के तहत ऊखीमठ क्षेत्र में जीपीएस स्थापित किया जा रहा है। इसकी मदद से भूकंप की संभावनाओं के बारे में जानकारी मिल सकेगी। राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान हैदराबाद के वैज्ञानिकों की टीम तुंगनाथ घाटी के रौडू गांव में जीपीएस स्थापित करने की कवायद में जुटी है। जीपीएस की मदद से ऊखीमठ व केदारघाटी में भूमि के अंदर की हलचल का अध्ययन किया जा सकेगा। यह यंत्र एक वर्ष के बाद भूमि की गति व हलचल की रीडिंग देना शुरू करेगा, जिसके आधार पर उत्तराखंड में भूकंप की संभावनाओं का अध्ययन किया जाएगा।