अल्मोड़ा
चार दिवसीय ऐपण कार्यशाला व ऐपण प्रदर्शनी का समापन
सीएन, अल्मोड़ा। मोहन उप्रेती लोक संस्कृति कला एवं विज्ञान शोध समिति के तत्वावधान मे चल रहे रचना दिवस महोत्सव के कार्यक्रम की श्रृंखला मे एडम्स इंटर कॉलेज में चल रही चार दिवसीय ऐपण कार्यशाला व चार दिवसीय ऐपण प्रदर्शनी का समापन हुआ। सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये गए मुख्य अतिथि के रूप मे उपस्थित प्रो. हामिद ने कार्यशाला व प्रदर्शनी का अवलोकन किया उन्होंने कहा कि कलाकारों की प्रतिभा को इस तरह के प्रयासों से ही प्रोत्साहन मिलेगा साहित्यकार व संस्कृतिकर्मी त्रिभुवन गिरी ने मोहन उप्रेती जी को स्मरण करते हुए कहा की संस्था का सस्कृति के लिए किया जा रहा प्रयास सराहनीय हैदिल्ली एन सी आर मे उत्तराखण्ड की संस्कृति व जनसरोकारो से जुड़े कैलाश पांडे ने संस्कृति से जुड़े युवा कलाकारों को रोजगार के मौक़े उपलब्ध करवाने पर जोर दिया लोक हस्त शिल्पी मीरा जोशी का सम्मान किया गया। कार्यक्रम के दूसरे चरण मे राष्ट्रीय कवि रामधारी सिंह दिनकर की स्मृति में हिन्दी कवि सम्मेलन का आयोजन एडम्स इंटर कॉलेज मे किया गया। कवि सम्मेलन में अल्मोड़ा से त्रिभुवन गिरी, नीरज पंत, प्रो. माया गोला, डॉ दीपा गुप्ता, चंद्रा उप्रेती, विनिता जोशी नीलम नेगी, मीनू जोशी, नीरज पांगती, उदय किरोला, गाज़ियाबाद से सृजन पत्रिका की सम्पादिका व अपने आलेखों व कविताओ के माध्यम से उत्तराखण्ड के मुद्दों को राष्ट्रीय फलक पर ले जाने वाली प्रतिष्ठित लेखिका मीना पांडे व हल्द्वानी के कवि सम्मेलन के मंचों की चर्चित कवियत्री किरन पंत वर्तिका ने काव्य पाठ किया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि त्रिभुवन गिरी ने की। कवि सम्मेलन का शुभारम्भ रामधारी सिंह दिनकर जी की रचना से कुमारी हर्षिता तिवारी ने किया के विषय मे बोलते हुए उनकी रचना रश्मि रथी से सुंदर काव्य पाठ किया और उनकी रचना को मंच पर जीवंतता प्रदान की। बाल प्रहरी के संपादक उदय किरौला ने रचना.. बहुत क्रूर रहा इतिहासइसे अब न दोहराओ धर्म जाति से हटकर अब मानवता का पाठ पढ़ाओ। डा. दीपा गुप्ता ने रचना…तेरे गाल पर पडे़ मेरी उँगलियों के निशान, गवाही हैं मेरी, डा. माया गोला ने कविता….मिथकों में प्रचलित है कि एक स्त्री ने प्रणय निवेदन किया। युवा कवियत्री चंद्रा उप्रेती ऐ मेरे देश के युवाये तुझे क्या हुआ क्यूं हैं नशे की बेड़ियां क्या हाल ये तेरा हुआ- किरन पंत’वर्तिका’ ने अपनी रचनासोए दिल को जगाती हूं मैं फिर मां को बुलाती हूं कुछ किस्से कहानी से मैं फिर राते सजाती हूं।- नीरज पांगती ने आज टूटा है तो सबने संभाला है- मीना पांडे की रचना.. ये हरा रक्त गांव की धमनियों में दौड़ता है,ताकि बने रहे घर, आंगन और गोट। रचनाकारो की रचनाओ ने दर्शकों का मन मोह लिया कवि सम्मेलन मे कवियत्री विनीता जोशी के कविता संग्रह हमारे सुख का विमोचन भी किया गया कार्यक्र्म मे पेहरु पत्रिका के संपादक हयात रावत, उत्तराखंड बिज़नेस स्टाटप के वीनर कमल पांडे, नमिता टम्टा, बाबा एग्रोटैक टीम के सदस्य, रश्मि जोशी, नेहा पंत, ममता कालिया, मीना, आर्टिस्ट सोनू शर्मा, खुशी पलरी, रीतिका भट्ट, कुलदीप कुमार, कवीश नबियाल, दायित्व कुशवाहा आदि लोग उपस्थित थे।