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अल्मोड़ा

कुलपति ने ली स्वामी विवेकानंद शोध एवं अध्ययन केंद्र तथा योग विज्ञान विभाग के साथ समीक्षा बैठक

सीएन, अल्मोड़ा। स्वामी विवेकानंद शोध एवं अध्ययन केंद्र तथा योग विज्ञान विभाग, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा की विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनएस भंडारी ने विश्वविद्यालय के सभागार में समीक्षा बैठक ली। बैठक में स्वामी विवेकानंद शोध एवं अध्ययन केंद्र के निदेशक एवं योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. नवीन चन्द्र भट्ट ने योग विज्ञान विभाग द्वारा विगत वर्षों की गतिविधियों की आख्या प्रस्तुत करते हुए कहा कि योग विज्ञान विभाग एवं स्वामी विवेकानंद शोध एवं अध्ययन केंद्र के संयुक्त तत्वाधान में 21 मई से 21 जून तक योग जनजागरुकता अभियान चलाया गया। जिसमें योग विज्ञान के प्रशिक्षुओं ने अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चम्पावत सहित राज्य एवं देश के विभिन्न स्थानों में एक माह तक निरतंर 9000 योग शिविरों का आयोजन कर योग को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य किया। इसके पश्चात विभाग द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एवं अंतर विश्वविद्यालयी योग केंद्र के सहयोग से 24-25 जून को अंतरराष्ट्रीय योग वेबिनार का आयोजन किया गया जिसमें देश-विदेश के अनेकों योग, आध्यात्म, चिकित्सा तथा मनोविज्ञान के क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ ही 300 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। जुलाई माह में स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यतिथि पर 4 जुलाई को एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसके पश्चात हरेला पर्व के अवसर पर नमामि गङ्गे अभियान के तहत सेल्फी विथ प्लांट कार्यक्रम का आयोजन किया गया व अगस्त माह में 29 से 31 अगस्त तक योग साधना पद्धतियों का आध्यात्मिक- वैज्ञानिक आधार एवं चिकित्सकीय महत्व विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। अक्टूबर माह में गांधी जयंती एवं लाल बहादुर शास्त्री जयंती के अवसर पर वर्तमान समय में महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी के विचारों की प्रासंगिकता विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर 18 से 24 नवंबर तक योग एवं वैकल्पिक चिकित्सा पर साप्ताहिक शिविर का आयोजन किया जाएगा। जिसमें आमजनमानस को योग प्रशिक्षण के साथ ही विभिन्न वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों द्वारा रोगोपचार किया जाएगा तथा जिला संस्था के सहयोग से आयुर्वेद, होम्योपैथ एवं एलोपथ के चिकित्सकों द्वारा भी रोगियों का परीक्षण किया जाएगा। जनवरी माह में स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय स्तर पर उनकी जीवनी एवं आदर्शों पर विभिन्न प्रतियोगिताओं जैसे वाद- विवाद, भाषण, चित्रकला प्रतियोगिता आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। फरवरी माह में स्वामी विवेकानंद शोध एवं अध्ययन केंद्र एवं योग विज्ञान विभाग द्वारा उच्च शिक्षा में शोध को बढ़ावा देने के लिए शोध प्रविधि विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा तथा मार्च में 14 से 17 मार्च तक नए विश्वव के निर्माण में योग एवं भारतीय संस्कृति की भूमिका विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इसके पश्चात विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो, एनएस भंडारी ने योग विज्ञान विभाग एवं स्वामी विवेकानंद शोध एवं अध्ययन केंद्र द्वारा संचालित की जा रही गतिविधियों की प्रसंशा करते हुए कहा कि योग विज्ञान विभाग द्वारा किए जा रहे कार्य सराहनीय हैं। इस हेतु मैं योग विज्ञान विभाग की समस्त टीम को बधाई देता हूँ।उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य तभी पूर्ण होता है जब उसका उपयोग समाज के लिए किया जा सके अतः निरतंर समाज एवं राष्ट्र के लिए चिंतन करना एवं उसके अनुरूप कर्म करना ही वास्तविक कर्म योग है। उन्होंने नवम्बर प्रथम सप्ताह में योग साक्षरता अभियान की कार्ययोजना का ब्लूप्रिंट तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए साथ ही स्वामी विवेकानंद शोध एवं अध्ययन केंद्र के अंतर्गत संचालित ध्यान केंद्र को नम्वबर माह में प्रारम्भ करने के निर्देश दिए उन्होंने ध्यान केंद्र के संचालन एवं स्वामी विवेकानंद शोध एवं अध्ययन केंद्र के विकास हेतु आवश्यक उपकरणों अथवा ढाँचागत सुविधाओं हेतु वित्तीय सहयोग देने की बात भी कही गयी। उन्होंने कहा कि 14 से 17 मार्च 2023 तक आयोजित होने वाली अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी हेतु कुलाधिपति सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय एवं राज्यपाल तथा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री तथा प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया जायेगा उन्होंने संगोष्ठी को भव्य बनाने के लिए के लिए विभाग युद्ध-स्तर पर तैयारी करने के निर्देश भी विभाग को दिए। बैठक में विपिन जोशी (निजी सचिव कुलपति) के साथ ही योग विज्ञान विभाग के शिक्षक लल्लन कुमार, गिरीश अधिकारी, रजनीश जोशी एवं विद्या नेगी उपस्थित रहे।

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