नैनीताल
बीडी पांडे जिला अस्पताल की भूमि में हुए अतिक्रमण को लेकर हाईकोर्ट नाराज, सही जानकारी देने को कहा
सीएन, नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने नैनीताल के बीडी पाण्डे जिला अस्पताल में सुविधाओं की कमी संबंधी जनहित याचिका में स्वास्थ्य विभाग की भूमि में हुए अतिक्रमण संबंधी सही जानकारी देने को कहा है। हाईकोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता वीके कोहली, पूर्व बार महासचिव विकास बहुगुणा और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अकरम परवेज से औचक निरीक्षण कर 3 अगस्त को रिपोर्ट पेश करने को कहा था। आज मामले में रिपोर्ट हाई कोरट में पेश की गई। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ को बताया गया कि अस्पताल की चार एकड़ भूमि में से एक एकड़ भूमि में कब्जा है। हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई अगले हफ्ते होने की उम्मीद है। उच्च न्यायालय में आज नैनीताल निवासी याचिकाकर्ता अशोक साह की स्थानीय बीडी पाण्डे अस्पताल में सुविधाओं को लेकर एक जनहित याचिका में सुनवाई हुई। खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार से अस्पताल की भूमि और उसपर हुए कब्जे की विस्तृत जानकारी देने को कहा है। मामले के अनुसार बीड़ी पांडे जिला पुरुष चिकित्सालय में कई स्वास्थ्य सुविधाओ का अभाव होने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिले का मुख्य हॉस्पिटल होने के कारण अभी भी हॉस्पिटल के कर्मचारियों के द्वारा छोटी सी जांच करने के लिए सीधे हल्द्वानी भेज दिया जाता है। याचिकाकर्ता का कहना था कि अस्पताल में जिले से इलाज कराने के लिए दूर दूर से मरीज आते हैं लेकिन उनकी जांच करके हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है। याचिकाकर्ता ने खण्डपीठ से प्राथर्ना की है कि इस हॉस्पिटल में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, जिससे की स्थानीय और दूरदराज से आने वाले लोगों को सही समय पर इलाज मिल सके। पूर्व में उच्च न्यायलय ने वरिष्ठ अधिवक्ता वीके कोहली, विकास बहुगुणा और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अकरम परवेज से औचक निरीक्षण कर 3 अगस्त को रिपोर्ट पेश करने को कहा था।
