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नैनीताल

16 अक्टूबर रविवार को लूसी पृथ्वी के करीब से गुजरेगा


सीएन, नैनीताल।
लूसी अंतरीक्ष यान रविवार को धरती के करीब पहुंचने जा रहा है। यह एक रोमांचक क्षण होगा। अपने ही बनाए यान को अंतरिक्ष की गहराई से वापस लौट कर आना और उसे नग्न आंखों से अपने गंतव्य की ओर जाते देखना वास्तव में दिलकश होगा। खास बात यह है कि धरती के नजदीक आने पर इसकी दूरी मात्र 352 किलोमीटर रह जाएगी। इतने करीब आने पर इसे बेहद स्पष्ट देखा जा सकेगा। पिछले साल 16 अक्टूबर को ही इसे लॉन्च किया गया था। यह अंतरिक्ष में 12 साल तक रहेगा। इस दौरान वह ऐसी अनेक रहस्यों का खुलासा करेगा, जिन्हे समझना बेहद जरूरी है। इसके नजदीक आने को लेकर इस मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों समेत खगोल के प्रति दिलचस्पी रखने वालों में बेहद उत्साह है। लुसी एक मुख्य-बेल्ट क्षुद्रग्रह और बृहस्पति के ट्रोजन सात क्षुद्रग्रहों की जांच पड़ताल करेगा।

पिछले साल 16 अक्टूबर को लॉन्च किया था लूसी को

पिछले साल 16 अक्टूबर 2021 के दिन केप कैनावेरल, फ्लोरिडा से लूसी को लॉन्च किया गया था। अब जब एक वर्ष पूरा होने होने जा रहा है तो ठीक उसी दिन लूसी अंतरिक्ष यान रविवार को खुद में ऊर्जा एकत्रित करने के लिए वापस आ रहा है। यह ऊर्जा उसे पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण से मिलेगी। इस ऊर्जा के जरिए वैज्ञानिक उसे अपने ऐच्छिक दिशा में भेज सकेंगे।  लुसी पृथ्वी की सतह के 219 मील  यानी 352 किमी की दूरी से उड़ान भरेगा। यह दूरी इतने करीब होगी कि लुसी को बेहद करीब से देखा जा सकेगा। जिसके चलते कुछ स्थानों से इसे आसानी से देखा जा सकेगा। कई देशों व समुद्री क्षेत्रों से इसे देखा जा सकता है।

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इस तरह का नजार आयेगा लूसी 

पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव के ऊपर से पृथ्वी के उड़ने के दौरान लुसी को हर 10 मिनट में एक लाल बिंदु के साथ व कुछ महत्वपूर्ण समय पर कुछ स्थानों में सफेद रंग में दिखाई देता है। नासा ने इसके दिखाई देने के समय व क्षेत्र का मानचित्र बनाया है। जिससे इस यान की दिशा व स्थान के बारे में सम्पूर्ण जानकारी का पता चल सकता है।

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इन देशों से देखा जा सकेगा

ऑस्ट्रेलिया में लुसी रात के आकाश में घूमते हुए एक तारे के रूप में  आंख की सीधी में नजर आएगा।  इसके बाद  पश्चिमी उत्तरी अमेरिका के ऊपर से गुजरेगा। मगर थोड़ा दूर के कारण  कुछ धुंधला हो जाएगा और इसकी चमक कम हो जाएगी। लिहाजा इसे स्पष्ट देखने के लिए  दूरबीन का सहारा लेना पड़ेगा। इस नजारे को देखने के लिए SwRI वेबसाइट से समझा जा सकता है।

इस समय देखा जा सकेगा

स्थानीय समयानुसार लुसी अंतरिक्ष यान को  सबसे पहले पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में जमीन से पर्यवेक्षकों को दिखाई देगी। 11:02 UTC (7:02 p.m. स्थानीय) पर अंतरिक्ष यान के पृथ्वी की छाया में गुजरते ही लुसी जल्दी से ऊपर की ओर से गुजरेगा। जिसे नग्न आंखों से स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा। प्रशांत महासागर के ऊपर जारी रहेगी और 4:26 बजे पीटी (11:26 यूटीसी) पर पृथ्वी की छाया से उभरेगी। यदि बादल न छाए हो तो पश्चिमी संयुक्त राज्य में आकाश पर नजर रखने वालों को दूरबीन की सहायता से लुसी का नजारा देखने को मिल सकता है।

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भारतीय वैज्ञानिक प्रो आर सी कपूर के अनुसार

 प्रो आर सी कपूर कहते हैं कि नासा का यह महत्वपूर्ण मिशन है, जो बृहस्पति की कक्षा तक के सफर के बीच उन सहस्यों को खोजने जा रहा है, जो सौर मंडल की उत्पत्ति के समय की स्थिति को पता लगाएगा। साथ विविध आकार प्रकार के पिंडों यानी एस्टीरॉयड की जांच पड़ताल करेगा। उनके व्यवहार का पता करेगा। यह एस्टीरॉइड उस काल के हैं, जब हमारे सौर मंडल का उद्भव हो रहा था, यानी इसका निर्माण हो रहा था। जिस नेबुला से हमारा  सूर्य बन रहा था और किस तरह के ग्रहों की उत्पत्ति हुई होगी और किस तरह से यह पिंड बने होंगे, जैसी इत्यादि के बारे में जानकारी मिल सकेगी।https://spaceandtime.in/श्रोत :नासा व भारतीय खगोलविद प्रो आर सी कपूरफोटो: नासा द्वारा पिछले साल लॉन्च किया गया अंतरिक्ष यान 

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