नैनीताल
नैनीताल जिपं चुनाव : पांचों अपहृत जिला पंचायत सदस्यों को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश
सीएन, नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय में नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव के विवाद और कथित अपहरण मामले की सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने नैनीताल एसएसपी को आदेश दिए कि वे 3 दिसंबर तक जांच की प्रगति रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें। इसके अलावा पांचों कथित रूप से अपहृत जिला पंचायत सदस्यों को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश भी दिया गया। मामला बीते 14 अगस्त 2025 का है, जब जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव के दौरान विवाद उत्पन्न हुआ। चुनाव में पांच बीडीसी सदस्य अचानक गायब हो गए थे। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ये सदस्य उनकी पार्टी के हैं और बीजेपी द्वारा अपहृत किए गए। इसके साथ ही एक मतपत्र में ओवरराइटिंग की शिकायत भी सामने आई थी। सुनवाई के दौरान बीडीसी सदस्य पूनम बिष्ट ने कोर्ट में याचिका दायर कर जिलाध्यक्ष पद के लिए दोबारा मतदान की मांग की। याचिका में कहा गया कि ओवरराइटिंग के कारण एक मत अमान्य कर दिया गया। हाईकोर्ट ने इस मामले को जनहित याचिका के रूप में संज्ञान में लिया और नैनीताल पुलिस को कड़ी फटकार लगाई। चुनाव के परिणामों के अनुसार, जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर बीजेपी की दीपा दर्मवाल विजयी रहीं, जबकि उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस की देवकी बिष्ट ने जीत हासिल की। चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार को 11 वोट, कांग्रेस उम्मीदवार को 10 वोट और 1 वोट रद्द हुआ। पांच सदस्य अपना वोट नहीं डाल पाए थे। इस पूरे मामले की अगली सुनवाई 3 दिसंबर को होगी, जिसमें पुलिस की जांच रिपोर्ट और अपहृत बताए गए सदस्यों की उपस्थिति दर्ज होगी। हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए चुनाव परिणाम पर फिलहाल रोक भी लगा दी है।



























































