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नैनीताल

नासा ने जारी की नियोविश दूरबीन द्वारा बनाई आकाश की एक टाइम-लैप्स मूवी

नासा ने जारी की नियोविश दूरबीन द्वारा बनाई आकाश की एक टाइम-लैप्स मूवी
सीएन, नैनीताल।
टिमटिमाते तारों भरे असमान को रोज देखते हैं और हमेशा अंधेरे की चादर के बीच जगमगाते ग्रह नक्षत्रों से घिरा असमान एक जैसा ही नजर आता है, लेकिन हमारी यह अवधारणा सरासर गलत है। मगर असमान का सच यह है कि यहां रोजाना कुछ न कुछ होते रहता है। तारों के भयानक महाविस्फोट ब्रह्मांड की बड़ी घटना है तो ब्लैक होल के चक्रव्यू में तारों का घसीटना रोज की घटना है। तारों का आपस में टकराना और आम बात है तो वहा चांद तारों का पैदा होना और हमारी धरती जैसे ग्रहों का निर्माण की प्रक्रिया रोज चलती है। यानेकि असमान की रोज बदलती है और जिसे हमारी खुली आंखे देख नहीं पाती। मगर इन्ही घटनाओं पर नासा की दूरबीने पैनी नजर रखती है और नासा के नियोविश से आकाश की एक टाइम-लैप्स फिल्म बनाई है। नासा का नियोविश दूरबीन द्वारा एक ऑल-स्काई मैप बनाता है, जो हजारों लाखों वस्तुओं के स्थान और चमक को रिकॉर्ड करता है। जिसके चलते खगोल वैज्ञानिकों के पिछले दस साल का आकाशीय मानचित्र पूरे आंकड़ों के साथ उपलब्ध हो चुका है। खगोलविदों के पास वर्तमान में नियोविश दूरबीन द्वारा 18 मानचित्र बना चुका है और अगले साल मार्च 2023 तक संभवतः 20 मानचित्र पूरे कर लेगा। इन नक्शों के जरिए वैज्ञानिक आकाश में हो रहे परिवर्तन को आसानी से जान सकते हैं और आकाशीय पिंडों की स्थिति को समझा जा सकता है। एरिज़ोना विश्वविद्यालय में नियोविश दूरबीन के प्रमुख अन्वेषक एमी ने आज जो कहा, वह इस प्रकार है यदि आप बाहर जाते हैं और रात के आकाश को देखते हैं, तो ऐसा लग सकता है कि कुछ भी नहीं बदलता है, लेकिन ऐसा नहीं है। तारे चमक रहे हैं और फट रहे हैं। क्षुद्रग्रह फुसफुसा रहे हैं। ब्लैक होल तारों को अलग कर रहे हैं। ब्रह्मांड वास्तव में एक व्यस्त, सक्रिय स्थान है। नासा ने 2009 में पूरे आकाश को स्कैन करने और हमारे सौर मंडल से परे की वस्तुओं का अध्ययन करने के लिए विश को लॉन्च किया था। अंतरिक्ष यान ने दूर के ब्रह्मांड में आस-पास के सितारों से लेकर चमकदार आकाशगंगाओं तक सब कुछ देखने के लिए अवरक्त प्रकाश का उपयोग किया। फिर, जब विश पर शीतलक समाप्त हो गया, तो मिशन समाप्त हो गया, और NASA ने इस दूरबीन को फिर से तैयार करना पड़ा। दूरबीन में लगा इन्फ्रारेड डिटेक्टर बिना शीतलक के कार्य कर सकता है और क्षुद्रग्रहों और पृथ्वी के करीब आने वाले पिंडों (एनईओ) पर नजर रखता है। जिन कारण यह दूरबीन अब विश नियोविश दूरबीन कहलाने लगी है। वर्तमान में यह इन्फ्रारेड टेलीस्कोप हर छह महीने में आकाश को स्कैन कर रहा है। नियोविश सूर्य की परिक्रमा करने वाले कई धूमकेतु खोजे हैं। वाइड-फील्ड इन्फ्रारेड सर्वे एक्सप्लोरर (विसेंको अब नियोविश के नाम से जाना जाता है। नियोविश से प्राप्त डेटा से हमे पता चलता है कि आँखीर तारे कैसे बनते हैं। नियोविश की इन्फ्रारेड दृष्टि प्रोटोस्टार के आसपास की धूल को देख सकती है। जिससे हमे पता चलता है कि प्रोटोस्टार गर्म गैस के धूल भरे कोकून तारे बना रहे हैं। नियोविश खगोलविदों को प्रोटोस्टार के दीर्घकालिक सर्वेक्षण करने के साथ तारों के प्रारंभिक निर्माण की पुष्टि करता है। विज्ञानिको को ब्लैक होल के बारे में अधिक जानकारी मिल पा रही हैं। विश के सर्वेक्षण ने दूर की आकाशगंगाओं के केंद्रों पर लाखों सुपरमैसिव ब्लैक होल की खोज की। नए नियोविश डेटा ने खगोलविदों को दूर के ब्लैक होल के आसपास के डिस्क को मापना जानता है। जेपीएल के पीटर आइजनहार्ट का कहना है कि हमने कभी यह अनुमान नहीं लगाया था कि अंतरिक्ष यान इतने लंबे समय तक संचालित होगा,और मुझे नहीं लगता कि हम उस विज्ञान का अनुमान लगा सकते हैं जिसे हम इतने डेटा के साथ कर पाएंगे। फिलहाल नियोविश क्षुद्रग्रहों, धूमकेतुओं और वस्तुओं के लिए अपनी खोज जारी रखेगा जो अगले दो वर्षों तक पृथ्वी की ओर आने वाले खतरों पर नजर रखेगा। नासा सौर मंडल के रहस्यों को उजागर करने में लगा हुआ है। संभावित खतरों का पता लगाने और क्षुद्रग्रहों की खोज करने के लिए प्रतिदिन आकाश का सर्वेक्षण कर रहा है। जमीन पर स्थापित दूरबीनों से पृथ्वी के नजदीकी लगभग 26,000 क्षुद्रग्रहों की खोज अभी तक कर चुका है। लिहाजा नासा नियोविश सी अंतरिक्ष-आधारित क्षमताओं को बढ़ाने के लिए काम कर रहा है। नियोविश को मूल रूप से दिसंबर 2009 में वाइड-फील्ड इन्फ्रारेड सर्वे एक्सप्लोरर मिशन के रूप में लॉन्च किया गया था। इस अंतरिक्ष दूरबीन ने इन्फ्रारेड तरंग दैर्ध्य में पूरे आकाश का सर्वेक्षण किया और क्षुद्रग्रहों, मंद सितारों और कमजोर आकाशगंगाओं का पता लगाया और वह अपना प्रारंभिक मिशन पूरा कर चुका है। इस मिशन को फरवरी 2011 में हाइबरनेशन (hibernation) में डाल दिया गया था, लेकिन दिसंबर 2013 में फिर से शुरू किया गया और इस अंतरिक्ष दूरबीन को नासा के ग्रह विज्ञान विभाग द्वारा नियोविश के रूप में पुनर्निर्मित किया गया। जिसका उपयोग पूरे सौर मंडल में क्षुद्रग्रहों और धूमकेतुओं की पहचान करने के लिए किया जा रहा है। नियोविश परियोजना का संचालन नासा का दक्षिणी कैलिफोर्निया में स्थित जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी और एरिज़ोना विश्वविद्यालय द्वारा किया जाता है।
श्रोत: JPL/NASA
Image : The Wide-field Infrared Survey Explorer (WISE, now known as NEOWISE) took images in 2012 to create this mosaic of the entire sky. The telescope now searches for faint objects and surveys groups of objects. Image via NASA/ JPL-Caltech/ UCLA

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