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नैनीताल

मून मिशन की तैयारी को लेकर नासा ने धरती पर उतारा चांदमून

मून मिशन की तैयारी को लेकर नासा ने धरती पर उतारा चांद

सीएन, नैनीताल। मून मिशन आर्टेमिस को सफल बनाने के लिए नासा ने इन दोनो चांद को धरती पर उतार दिया है। जिसमें एस्ट्रोनॉट भारी भरकम एस्ट्रो सूट के साथ रॉबर के भीतर जीवन यापन कर रहे हैं। रेगिस्तान की यात्रा कर रहे हैं। काम कर रहे हैं। सिर्फ मून वॉक के लिए रॉबर से बाहर निकल रहे हैं। ये सब सुनकर आप भी हैरान हो गए कि आँखिर चांद को पृथ्वी की धरती पर कैसे उतारा जा सकता है और कैसे मून वॉक कर रहे हैं। दरसल नासा ने इन दिनों विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रखा है। जिसमें एरिजोना क्षेत्र में चांद के समान धरती में प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रखा है।  प्रशिक्षण 11 अक्टूबर को शुरू हो गया था और 24 अक्टूबर तक जारी रहेगा। खास बात यह है कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मीडिया को भी आमंत्रित किया गया है। प्रशिक्षण में शामिल होने के लिए गुरुवार तक पंजीकरण करना होगा। नासा में आज प्रेस रिलीज जारी कर यह सूचना दी है और प्रशिक्षण की तस्वीर भी जारी की है।

अति महत्वाकांक्षी मिशन है आर्टेमिस 

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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का मून मिशन अति महत्वाकांक्षी परियोजना है। जिसके लिए आर्टेमिस 1 के लॉन्च किए जाने के लिए नासा तैयारी में जुटा है। हालाकि कई प्रयास के बाद भी आर्टेमिस को लॉन्च नही किया जा सका है। पिछले दो बार आर्टेमिस को उड़ान भरने से ठीक पहले स्थगित करना पड़ा है। अब अगली लॉन्चिंग नवंबर में किए जाने की योजना बनाई है। सबकुछ योजनाबद्ध तरीके से शुरू हुआ तो आर्टेमिस का पहला अभियान सफल रहेगा। फिलहाल इन दिनों मून के समान रहन सहन को लेकर जो प्रशिक्षण चलाया गया है, वह बेहद दिलचस्प है।

चांद की धरती समान विपरीत परिस्थितियों वाले  रेगिस्तान का सफर कराया जा रहा 

नासा के अनुसार भावी चंद्र मिशनों को सफल बनाने के लिए डेजर्ट आरएटीएस चालक दल रेगिस्तान की यात्रा कर रहे हैं। वह रोवर में रह रहे हैं,  काम कर रहे हैं, और सिर्फ मूनवॉक करने के लिए बाहर निकल रहे हैं। नासा और उसके सहयोगी, जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जेएक्सए) भविष्य के दबाव वाले रोवर्स के लिए  डिजाइन बनाया है और इसकी पुष्टि करने के लिए यह कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। जिसमें  दबाव वाले रोवर के डिजाइन, केबिन कॉन्फ़िगरेशन, ड्राइविंग मोड, समयरेखा बाधाओं और मिशन संचालन के बारे में डेटा एकत्र किया जाएगा।

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आर्टेमिस के तीसरे चरण दो साल बाद मानव उतरेगा चांद परनासा के वैज्ञानिक आर्टेमिस मिशन के तीसरे चरण के मानव को मून पर उतरेगा,  जो दीर्घकालिक, स्थायी चंद्र उपस्थिति का मार्ग प्रशस्त करेगा। भविष्य के अंतरिक्ष यात्री मिशनों के लिए मंगल ग्रह पर एक कदम आगे बड़ाना होगा। जिसे लेकर बेहद गंभीरता के साथ कार्य किए जा रहे हैं। हर काम की बारीकी से जांच पड़ताल की जा रही है। खास बात यह है कि नासा की प्रत्येक तैयारी आमजन तक पहुंच सके, इसके लिए समय समय पर मीडिया को आमंत्रित किया जा रहा है।

चुनौतियों की अंतरिक्ष यात्रा 

सौर मंडल में स्पेस यात्रा तमाम चुनौतियों से भरा पड़ा है। वहा धरती जैसी यात्रा की कोई गुंजाइश नहीं हैं। जिस कारण एस्ट्रोनॉट्स को विशेष परीक्षण दिया जाता है, जो कई दिनों अथवा महीनों तक चलाया जाता है। मगर दूसरे ग्रह पर दिन बिताना आसान नहीं है। वहा की परिस्थितियां यहां से बिलकुल भिन्न है। वहा का हर कदम चुनौतियों से भरा होगा और हमे हर चुनौती को स्वीकार करते हुए तैयारी करनी होगी और इन दिनों एरिजोना में कृत्रिम आर्टेमिस के जरिए मानव मून मिशन के लिए आगे की तैयारी की जा रही है।

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नासा का  एरिज़ोना में कृत्रिम आर्टेमिस 

NASA और JAXA की टीमें एरिज़ोना में अंतरिक्ष यात्रियों, इंजीनियरों और वैज्ञानिकों के साथ एक नकली चंद्र सतह के वातावरण में अभ्यास करने के लिए आर्टेमिस क्षेत्र परीक्षण किया जा रहा है। मीडिया को नासा के डेजर्ट रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी स्टडीज (डेजर्ट आरएटीएस) टीम के सदस्यों से सोमवार, 24 अक्टूबर को फ्लैगस्टाफ, एरिजोना के पास ब्लैक प्वाइंट लावा फ्लो में मिलने के लिए आमंत्रित किया गया है। डेजर्ट आरएटीएस के माध्यम से, नासा और उसके साथी भविष्य के आर्टेमिस मिशनों के लिए रोवर संचालन का अभ्यास कर रहे हैं। मीडिया को नासा के डेजर्ट रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी स्टडीज (डेजर्ट आरएटीएस) टीम के सदस्यों से सोमवार 24 अक्टूबर को फ्लैगस्टाफ, एरिजोना के पास ब्लैक प्वाइंट लावा फ्लो में मिलने के लिए आमंत्रित किया गया है।

श्रोत NASA/विलियम स्टैफ़ोर्ड

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