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नैनीताल

बदलते जलवायु के संकेतों से अब जागरूक होने की जरूरत : पद्मश्री कल्याण रावत

बदलते जलवायु के संकेतों से अब जागरूक होने की जरूरत : पद्मश्री कल्याण रावत

गढ़वाल से लाया गया गंगा जल जिसे नैनीताल में मां नयना देवी के दर्शन के बाद नैनी झील में प्रवाहित

सीएन, नैनीताल। हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय और कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के स्थापना के स्वर्ण जयंती वर्ष पर स्वर्णिम अमृत संदेश रथ यात्रा मैती संस्था के संस्थापक पद्मश्री डा. कल्याण सिंह रावत के नेतृत्व में आज मंगलवार को कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल पंहुचा। इस अवसर पर क्लाइमेट चेंज एंड एनवायरनमेंट इशू विषय पर संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ मुख्य अतिथि पद्मश्री डा. कल्याण सिंह रावत, कुलपति कुविवि  प्रो.  दीवान सिंह रावत, पर्यावरणविद  प्रो. अजय रावत एवं कुलसचिव दिनेश चंद्रा द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि पद्मश्री डा. कल्याण सिंह रावत ने कहा कि किसी आयोजन को यादगार बनाने में पेड़ों की बड़ी भूमिका होती है। पेड़ जहां जीवन का आधार है वहीं हमारी संस्कृति का भी प्रतीक है। इसलिए दोनों विश्वविद्यालय अपने स्वर्ण जयंती वर्ष को इको फ्रेंडली रूप से मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि बदलते जलवायु के संकेतों से अब हमें जागरूक होने की जरूरत है। यदि अभी भी हम नहीं जागे तो बहुत देर हो जायेगी। हमें अपनी आवश्यकताओं को सीमित करके जीवन शैली में आवश्यक बदलाव लाना होगा। इस अवसर पर कुमाऊं विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र एवं वर्तमान में कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति  प्रो. दीवान सिंह रावत ने विश्वविद्यालय के गौरवशाली इतिहास और अपनी पुरानी स्मृतियों को याद करते हुए छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि विवि के 50 साल के इस सफर में परिश्रम, अनुशासन के साथ शैक्षिक उपलब्धियों ने कुमाऊं विश्वविद्यालय को शिखर पर पहुंचने का काम किया है। संगोष्ठी में संबोधित करते हुए पर्यावरणविद प्रो. अजय रावत ने कहा कि हिमालय में वनों के दोहन के कारण जैव विविधता बड़े पैमाने पर कम हो रही है। नदियों के सूखने, खत्म होते भूजल स्रोतों, ग्लेशियरों के पिघलने, पहाड़ों के खोखले किए जाने, ठोस और संकटमय कचरे से संबंधित प्रदूषण जैसी समस्याएं आम हैं। यहां की पर्यावरणीय स्थिति अत्यंत संवेदनशील है। अमृत संदेश रथ यात्रा अपने साथ 50 पौंधे भी लाया था, जिनका रोपण कुमाऊं विश्वविद्यालय के विवेकानंद भवन में किया गया। इसी के साथ गढ़वाल विश्वविद्यालय के संदेश यात्रा दल द्वारा अपने साथ गंगा जल भी लाया, जिसे नैनीताल में मां नयना देवी के दर्शन के बाद नैनी झील में प्रवाहित किया गया। इस संदेश यात्रा में अन्तराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के सम्मान में दोनो विश्वविद्यालयों द्वारा एक दूसरे को मिलेट (श्रीअन्न) से बनी मिठाईयां व भिटोली भी सौगात के रूप में भेंट की गई। कार्यक्रम का संचालन स्पर्श गंगा अभियान के राष्ट्रीय संयोजक एवं संकायाध्यक्ष, वाणिज्य प्रो. अतुल जोशी ने इस कार्यक्रम में पर्यावरणविद एवं समाजसेवी मदन सिंह बिष्ट को मैती संस्था द्वारा वसुंधरा अमृत सम्मान भी प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम में हेमवती नन्दन बहुगुणा गढवाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि के रूप मे प्रो. विजयकांत पुरोहित के साथ कुविवि प्राध्यापक, इंटीग्रेटेड बीएड पाठ्यक्रम के प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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