नैनीताल
सिर्फ 3 अरब साल शेष है सूर्य का जीवन
रमेश चन्द्रा, नैनीताल। यूरोपियन स्पेस एजेंसी का दावा है कि सूर्य का जीवन मात्र तीन अरब साल शेष रह गया है। इसका मतलब है कि सूर्य के साथ पृथ्वी से भी जीवन समाप्त हो जाएगा। अपने अंतिम पड़ाव में सूर्य का तेज समाप्त हो जाएगा। वह ठंडा हो जाएगा और धरती भी जबरदस्त ठंड की चपेट में आ जाएगी। गैया अंतरिक्ष यान से प्राप्त डेटा के जरिए सूर्य के उम्र की भविष्यवाणी की गई है।भविष्यवाणी ने खड़े किए बड़े सवालअभी तक माना जाता रहा है कि सूर्य का जीवनकाल करीब साढ़े बारा अरब साल का है। मगर नई भविष्यवाणी ने सवाल खड़े कर दिए हैं। इतनी जल्दी सूर्य के साढ़े चार अरब साल कम हो जाना,, अपनेआप में बड़ा सवाल है। इसके पीछे की वजह क्या हो सकती है। वर्तमान में सूर्य में इतना बड़ा बदलाव कैसे आ सकता है। क्या इसके पीछे हमारी आकाशगंगा में कोई बदलाव आया है। जिसका तारों पर सर पड़ रहा है। या फिर हमारे सौर मंडल में ही कोई बदलाव आया है। यह पूर्व में सूर्य की उम्र के लिए की गई भविष्यवाणी में भी सवाल खड़े करता है। बहरहाल वजह जो भी हो, मगर इतना तो तय है कि सूर्य की उम्र को लेकर मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं और वैज्ञानिकों को नए सिरे से इसकी उम्र पर अधिक शोध करने के लिए मजबूर कर दिया है।इसलिए अधिक जरूरी हो चले हैं शोधसर्वविदित है कि पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व सूर्य के निश्चित ताप से जुड़ा है। जब तक यह ताप धरती को मिलता रहेगा, तभी तक धरती पर जीवन समेत तमाम जीव जंतुओं का अस्तित्व बना रहेगा। जिसके चलते सूर्य की उम्र को लेकर नए शोध व्यापक पैमाने होने की जरूरत की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इससे निश्चित ही चौंकाने वाली नई जानकारियां सामने आएंगी।गैया अंतरिक्षयान के डेटा के आंकड़े यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने गैया अंतरिक्ष यान द्वारा जून में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार यह भविष्यवाणी जारी की है। प्राप्त डेटा के अनुसार सूर्य अब अपने मध्य युग में जा पहुंचा है। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का मानना है कि सूर्य का जीवन अब तक लगभग 4.57 बिलियन वर्ष हो चुका है और इसकी आयु करीब तीन बिलियन साल शेष रह गई है।मध्यम आकार का तारा है हमारा सूर्यसूर्य एक मध्यम आकार का तारा है । अंतिम समय में इसाजा मूल हाइड्रोजन खत्म हो जाएगा। सूर्य से यह तत्व बाहर निकलने पर एक संलयन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी जो अंततः अपने तापमान को ठंडा कर देगी और इसका आकार फैलना शुरू हो जाएगा, तब यह एक विशाल लाल तारे में बदल बदल जाएगा।ठंडा हो जाएगा सूर्यगैया अंतरिक्ष यान के अनुसार, सूर्य का तापमान लगभग 8 अरब वर्ष पुराना होने पर ठंडा होने की उम्मीद है, जिसका अर्थ है कि अभी भी 3 अरब वर्ष से ऊपर का समय शेष है। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने आगे भविष्यवाणी की है कि एक बार जब यह मर जाता है, तो सूर्य अंततः एक मंद सफेद तारा बन सकता है जो बाद में आकाशगंगा के अन्य सितारों की तरह ही फीका पड़ जाएगा।एकमात्र जीवनदाता है पृथ्वीअंतरिक्ष एजेंसियों और शोधकर्ताओं के अनुसार, यदि सूर्य मर जाता है तो पृथ्वी तब रहने योग्य ग्रह नहीं रहेगी, क्योंकि ग्रहों की दुनिया में पृथ्वी एकमात्र जीवन का स्रोत है। सभी पौधे और खाद्यान्न नही रहेगा, जिससे उन जानवरों की मृत्यु हो जाएगी जो भोजन के लिए पौधों पर निर्भर हैं, अंततः पूरी खाद्य श्रृंखला को बाधित हो जाएगी।परमाणु सर्दी शुरू हो जाएगी सूर्य के ठंडा होने की बादसूर्य की मृत्यु से पृथ्वी पर एक परमाणु सर्दी की उत्पत्ति शुरू हो जाएगी। जिस कारण सूर्य का प्रकाश नहीं रहेगा, और वातावरण अंततः प्रदूषकों से घिर जाएगा और प्राणियों के लिए हवा सांस लेने के काबिल नही रह जाएगी।