नैनीताल
सुखद : जीवनदायिनी नैनी झील गेज में 8 फीट पर आया जलस्तर, 9 फीट के बाद होगी निकासी
सुखद: जीवनदायिनी नैनी झील गेज में 8 फीट पर आया जलस्तर
सितम्बर में 12 फुट होना है जलस्तर, चार फीट से अधिक पानी की जरूरत
चन्द्रेक बिष्ट, नैनीताल। सितम्बर माह के अंत तक में मानक के अनुसार नैनी झील वर्षा जल से लबालब होनी चाहिए थी। लेकिन इस बार जुलाई पहले पखवाड़े में ही झील लबालब होने जा रही है। इसका प्रमुख कारण जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में पर्याप्त बारिध का होना है। अब यदि बारिश लगातार हुई तो इस बार नियमों के विपरीत झील के निकासी द्वारों को 9 फीट जल स्तर होने पर खेल दिया जायेगा। दरअसल अंग्रेजी शासनकाल से चले आ रहे नियमों के अनुसार झील का जलस्तर 10 फिट पहुंचने पर झील के गेट खोल कर इसकी जल निकासी की जाती है। इसके बाद सितम्बर माह के मध्य तक झील का जल स्तर 11 फीट पहुंचने पर जल निकास की कार्रवाई की जाती है। झील नियंत्रण कक्ष के प्रभारी रमेश गैड़ा के अनुसार इस बार एक मुस्त पानी नही छोड़ा जायेगा। 9 फीट जल स्तर आने पर ही पानी निकास किया जायेगा। अगर वर्षा रूक-रूक कर हई तो जल निकासी भी रूक-रूक कर की जायेगी। मालूम हो कि नियमानुसार 12 फिट जलस्तर आने के बाद लगातार पानी की निकासी की जाती है। मानकों के अनुसार 12 फिट जलस्तर अंतिम स्तर माना गया है। इस वर्ष लगातार वर्षा होने से झील का जल स्तर 8 फुट पर आया है। इस प्रगति को संतोषजनक माना जा रहा है। मानक के अनुसार 9 फिट जल स्तर बढ़ने के बाद ही जल की निकासी की जाती है। इसके बाद 12 फीट होने पर जल निकास वर्षा के दौरान किया जाता है। मालूम हो कि प्राकृतिक रूप से नैनी झील वर्षा जल से 60 प्रतिशत व भूमिगत जल से 40 प्रतिशत रिर्चाज होती है। शीतकालीन बर्फबारी व वर्षा के बाद ही भूमिगत जल का संतुलन बना रहता है। लेकिन इस वर्ष न तो बर्फबारी हुई और न ही पर्याप्त शीतकालीन वर्षा हुई। इसके साथ ही लगातार जलादोहन भी किया गया। नतीजन इसका सीधा असर नैनी झील में पड़ा। जनवरी माह में ही झील का जल स्तर लगातार घटने लगा। लेकिन अब इसकी भरपाई संतोषजनक मानी जा रही है। अभी चार फीट पानी और भरना है। जानकारों के मुताबिक अच्छी वर्षा हुई तो सितम्बर में झील मानक के अनुसार भर जायेगी। जल निकासी होने के बाद पानी का शुद्धिकरण भी हो सकेगा।
जलस्तर 9 फिट आने के बाद ही झील से होगा पानी का निकास
नैनीताल। नैनी झील की निगरानी कर रहे सिंचाई विभाग के नियंत्रण कक्ष प्रभारी रमेश सिंह गैड़ा का कहना है कि अंग्रेजी शासनकाल से चले आ रहे नियमों के अनुसार झील का जल स्तर 10 फिट पहुंचने पर झील के गेट खोल कर इसकी जल निकासी की जाती है। इसके बाद सितम्बर माह के मध्य तक झील का जल स्तर 11 फिट पहुंचने पर जल निकास की कार्रवाई की जाती है। 12 फीट जल स्तर आने के बाद लगातार पानी की निकासी की जाती है। मानकों के अनुसार 12 फीट जलस्तर अंतिम स्तर माना गया है। अब झील को 4 फीट और ऊपर आना हैं। इस बार स्थिति संतोषजनक मानी जा रही है। इस बार प्रचलित नियमों के बजाय झील के पूर्ण जलस्तर 9 फीट आने के बाद ही झील के गेटों को खोल जल निकासी की जायेगी। जल स्तर लगातार स्थिर बने रहे इसके प्रयास किये जायेंगे।
जल संग्रहण क्षमता एक करोड़ लीटर अतिरिक्त बढ़ी
नैनीताल। इस वर्ष शीत ऋतु में बर्फवारी व वर्षा नहीं होने के कारण नैनी झील चिन्ताजनक रूप से नीचे आ गई थी। कुछ वर्ष पूर्व झील से गाद निकालने के बाद लोनिवि द्वारा दावा किया है कि झील की जल संग्रहण क्षमता एक करोड़ लीटर अतिरिक्त बढ़ जायेगी। पिछले दिनों हुई वर्षा के बाद अब झील का जल स्तर बढ़ने लगा है। झील को भरपूर बरसात की आवश्यकता है। नैनी झील 60 प्रतिशत वर्षा जल व 40 प्रतिशत भूमिगत जल से रिचार्ज होती हैं बर्फवारी व बरसात नहीं होने से इस बार भूमिगत जल की कमी हुई विशेषज्ञों के मुताबिक नैनीताल में बर्फवारी भूमिगत जल का प्रमुख स्रोत है जो इस बार बहुत कम हुई।