उत्तरकाशी
मां गंगा को उसी के मायके में मैला करने का षडयंत्र जारी
लोकेन्द्र सिंह बिष्ट, उत्तरकाशी। मां गंगा जी को उसी के मायके में मैला करने का षडयंत्र जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गंगा स्वच्छता के ड्रीम प्रोजेक्ट को जिला प्रशासन व नगरपालिका परिषद प्रशासन दोनों मिलकर पलीता लगाने पर आमादा हैं। मां गंगा जी को राष्ट्रीय नदी घोषित करने की पूर्व संध्या पर 3 नवंबर को नगरपालिका ने मां गंगा जी को कूड़े कचरे से पाट दिया। अवगत रहें कि वर्ष 2008 में 4 नवंबर को मां गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किया। मां गंगा जी के मायके उत्तरकाशी मे नगरपालिका प्रशासन ने समूची गंगा जी को कूड़े कचरे से पाट दिया। दरअसल 40 हजार की आबादी वाले शहर उत्तरकाशी में कूड़े निस्तारण की पिछले 5 वर्षों से कोई व्यवस्था नही है। शहर का रोजाने का तमाम कूड़ा कचरा गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग तांबाखानी पर ही डाला जा रहा है। गंगा नदी से मात्र 20 मीटर की ऊंचाई से गुजरने वाले इस गंगोत्री मार्ग के करीब 400 मीटर हिस्से पर पिछले 4 वर्षों से कूड़ा डंप किया जा रहा है। इस जगह लाखों टन कूड़े का एक कृत्रिम पहाड़ खड़ा हो चुका है। इसी कूड़े के पहाड़ से रात के घुप्प अंधेरे में समय समय पर कूड़ा गंगा नदी में धकेल दिया जाता है।
गौरतलब है कि उत्तरकाशी शहर के कूड़े को एकत्रित करने व उसका वैज्ञानिक निस्तारण करने के लिए पिछले 3 वर्षों से ज़ीरो वेस्ट नामक एक कंपनी को प्रतिमाह 10 लाख रुपये भी दिए जा रहे हैं। बावजूद इसके ये कंपनी भी शहर के रोजाना के कूड़े को यहीं डंप कर रही है।गंगा नदी भारत के साथ साथ दुनियां भर में पवित्र नदी मानी जाती है तथा इसकी उपासना मां तथा देवी भगवती के रूप में की जाती है। भारतीय पुराण और साहित्य में अपने सौंदर्य और महत्त्व के कारण बार बार आदर के साथ वंदित गंगा मां के प्रति विदेशी साहित्य में भी प्रशंसा भावुकतापूर्ण वर्णन किए गए हैं।