नैनीताल
प्लंबागो ज़ैलेनिका को रास आई भीमताल की आबोहवा
बगीचे में लगाओ और मच्छर जैसे कीटो से मुक्ति पाओ
रिक्कू, भीमताल। भीमताल में इन दिनों प्लंबागो ज़ैलेनिका खिला हुआ है। यह पौधा वर्तमान में बटरफ्लाई शोध संस्थान में खिला हुआ है। यह फूल अपने रंग के कारण किसी को भी आकर्षित कर सकता है। विश्व के गर्म देशों में दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका आदि में पाए जाने वाला यह पौधा अक्सर बगीचों में सुंदर फूलों के लिए लगाया जाता है जो साल भर खिलता है। सफेद नीला और लाल फूल हर किसी को आकर्षित करते हैं। इसके फूल विशेष प्रकार के होते हैं क्योंकि उसकी पंखुड़ियों के नीचे सीपल्स में चिपचिपे होते हैं और इसमे् कांटे होते हैं यह पौधा इन कांटों का अद्भुत इस्तेमाल करता है इन पर फूलों के पास आने वाले कीट जैसे मच्छर, मक्खी, तितली, चींटी आदि इसमें चिपक जाते हैं। चिपकने के बाद कुछ समय बाद उनकी मृत्यु हो जाती है और यह पौधा कीट के शरीर से प्रोटीन को पचाने का इंजाइम पैदा करता है और चिपके हुए कीट से प्रोटीन पचा लेता है। अन्य कीट भक्षी पौधे फूल में कीट को पकड़ कर गला देते हैं पर यह प्लंबागो ज़ैलेनिका ऐसा पौधा है जो कीट को बाहर से पचा लेता है। इस अद्भुत काबिलियत के अलावा इस पौंध के जड़ों और तनों ( चित्रक ) से निकलने वाले केमिकल जिसको प्लंबिंगइन कहते हैं इसका प्रयोग लगभग 2500 सालों से दवा के रूप में किया जा रहा है। हालांकि यह कीट भक्षी पौधा है पर इसको फलयुक्त् होने के लिए कीटों का मदद चाहिए इसको फलयुक्त करने में कई प्रजातियां की तितली भारत में लाइम ब्लू की आवश्यकता होती है और इसी तरह अन्य देशों में अन्य अलग-अलग तितली लाइम ब्लू की अन्य प्रजाति इसको फलयुक्त् करती है। वर्तमान में जिस तरह मलेरिया और डेंगू का प्रकोप पूरे उत्तराखंड में चल रहा है उसके लिए वर्तमान में इस पौधे की बहुत उपयोगिता सामने आ रही है। हालांकि इसकी और पौध अभी तैयार नहीं की गई है यह केवल बटरफ्लाई शोध संस्थान में खिला हुआ है। वहीं